Sawan Pradosh Vrat 2020: आज है सावन का दूसरा प्रदोष व्रत, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त, महत्व एवं पंचांग
Sawan Pradosh Vrat 2020 इस बार सावन का दूसरा प्रदोष व्रत आज है। प्रदोष के दिन भगवान शिव की विशेष पूजा का प्रावधान है।
Sawan Pradosh Vrat 2020: हिन्दी पंचांग के अनुसार, आज श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि और शनिवार दिन है। हर त्रयोदशी को प्रदोष व्रत होता है। इस बार सावन का दूसरा प्रदोष व्रत आज शनिवार 01 अगस्त 2020 को है। प्रदोष के दिन भगवान शिव की विशेष पूजा का प्रावधान है। शनिवार के दिन होने के कारण यह शनि प्रदोष व्रत है। संतान की कामना से शनि प्रदोष के व्रत का विशेष महत्व होता है। आइए जानते हैं कि सावन के दूसरे शनि प्रदोष व्रत एवं पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है।
त्रयोदशी तिथि का समय
सावन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 31 जुलाई यानी कल देर रात 10 बजकर 42 मिनट से हो चुका है, जो 01 अगस्त को रात 09 बजकर 54 मिनट तक रहेगा।
प्रदोष पूजा का समय
इस बार पूजा का समय दो घंटे 06 मिनट का है। इस अवधि में ही आपको प्रदोष व्रत की पूजा विधि विधान से पूर्ण कर लेनी चाहिए। 01 अगस्त को शाम में 07 बजकर 12 मिनट से रात 09 बजकर 18 मिनट तक प्रदोष पूजा का मुहूर्त है।
त्रयोदशी तिथि का पंचांग
01 अगस्त को सूर्योदय सुबह 05 बजकर 43 मिनट पर और सूर्यास्त शाम को 07 बजकर 12 मिनट पर होना है।
त्रयोदशी के दिन चंद्रोदय शाम को 05 बजकर 34 मिनट पर और चंद्रास्त 02 अगस्त को तड़के 04 बजकर 06 मिनट पर होगा।
त्रयोदशी तिथि का शुभ समय
अभिजित मुहूर्त: दोपहर 12 बजे से 12:54 बजे तक।
रवि योग: सुबह 06:49 बजे से 02 अगस्त को 05:43 बजे तक।
अमृत काल: 02 अगस्त को तड़के 02:04 बजे से 03:40 बजे तक।
विजय मुहूर्त: दोपहर 14:42 बजे से 15:36 बजे तक।
राहुकाल एवं दिशाशूल
त्रयोदशी के दिन राहुकाल सुबह 09:05 बजे से दिन में 10:46 बजे तक। हालांकि भगवान शिव की पूजा में राहुकाल का महत्व नहीं होता है क्योंकि वे स्वयं कालों के काल महाकाल हैं। शनिवार के दिन पूर्व दिशा की ओर जाने की मनाही होती है। शनिवार को पूर्व का दिशाशूल होता है।