Sawan Last Somwar 2022: सावन का चौथा और अंतिम सोमवार आज, जानें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि
Sawan 4th Somwar Vrat 2022 सावन माह का आखिरी सोमवार 8 अगस्त को पड़ रहा है। इस दिन पुत्रदा एकादशी भी पड़ रही है। ऐसे में इस दिन का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है। जानिए सावन सोमवार का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
नई दिल्ली, Sawan 4th Somwar Vrat 2022: सावन का चौथा और आखिरी सोमवार (Sawan fourth somwar 2022) आज है। इसके साथ ही महादेव का प्रिय माह सावन अब समाप्ति की ओर है। भगवान शिव की भक्ति के लिए आज का दिन बहुत उत्तम माना जाता है। भगवान शिव को समर्पित सावन का माह चल रहा है। इस खास मौके पर शिवभक्त भोलेनाथ को प्रसन्न करने के विभिन्न उपाय अपना रहे हैं। वहीं सावन में पड़ने वाले हर एक सोमवार का अपना एक महत्व है।
सावन माह 14 जुलाई को शुरू हुआ था जो 12 अगस्त को पूर्णिमा के साथ समाप्त हो जाएगा। वहीं सावन का चौथा यानी आखिरी सोमवार 8 अगस्त को पड़ रहा है। माना जाता है कि सावन सोमवार के दिन भोलेनाथ की आराधना करने के साथ व्रत रखने से सभी कष्टों से छुटकारा मिल जाता है और सुख-शांति, धन-धान्य की बढ़ोत्तरी होती है। इस बार सावन का आखिरी सोमवार के साथ पुत्रदा एकादशी भी पड़ रही है। ऐसे में इस दिन का महत्व और अधिक बढ़ गया है। जानिए सावन के आखिरी सोमवार का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।
सावन का आखिरी सोमवार का शुभ मुहूर्त
रवि योग- 8 अगस्त को सुबह 5 बजकर 46 मिनट पर शुरू होकर दोपहर 2 बजकर 37 मिनट तक रहेगा।
इन्द्र योग - 7 अगस्त सुबह 10 बजकर 2 मिनट से 8 अगस्त सुबह 06 बजकर 55 मिनट तक
वैधृति -8 अगस्त सुबह 06 बजकर 55 मिनट तक से 9 अगस्त सुबह 03 बजकर 24 मिनट तक
सावन सोमवार पर ऐसे करें पूजा
सावन सोमवार को सुबह स्नान करके एक तांबे के लोटे में अक्षत, दूध, पुष्प, बेल पत्र आदि डालें। इसके बाद शिव मंदिर जाएं और वहां शिवलिंग का अभिषेक करें। इस दौरान ‘ऊं नम: शिवाय’ मंत्र का जाप करें। इसके साथ ही धूप-दीप जलाने के बाद शिव चालीसा और रुद्राष्टक का पाठ करें। ऐसा करने से शिवजी जल्द प्रसन्न हो जाते हैं।
सावन सोमवार के दिन करें इन शिव मंत्रों का जाप
महामृत्युंजय मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
शिव तारक मंत्र
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे।
शिवजी का शक्तिशाली मंत्र
नमो स्तवन अनंताय सहस्त्र मूर्तये, सहस्त्रपादाक्षि शिरोरु बाहवे. सहस्त्र नाम्ने पुरुषाय शाश्वते, सहस्त्रकोटि युग धारिणे नम:
धर्म संबंधी अन्य खबरों के लिए क्लिक करें
Pic Credit- Freepik
डिसक्लेमर
इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।