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Mangala Gauri Vrat 2020: आज इस मुहूर्त में करें मंगला गौरी व्रत, जानें पूजा विधि, मंत्र एवं महत्व

Mangala Gauri Vrat 2020 आज सावन का तीसरा मंगला गौरी व्रत है। आज के दिन सुहागन महिलाएं अखंड सौभाग्य की कामना से मां पार्वती की पूजा करती हैं।

By Kartikey TiwariEdited By: Published: Tue, 21 Jul 2020 07:38 AM (IST)Updated: Tue, 21 Jul 2020 07:53 AM (IST)
Mangala Gauri Vrat 2020: आज इस मुहूर्त में करें मंगला गौरी व्रत, जानें पूजा विधि, मंत्र एवं महत्व
Mangala Gauri Vrat 2020: आज इस मुहूर्त में करें मंगला गौरी व्रत, जानें पूजा विधि, मंत्र एवं महत्व

Mangala Gauri Vrat 2020: हिन्दी पंचांग के अनुसार, आज सावन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि है और मंगलवार दिन है। आज सावन का तीसरा मंगला गौरी व्रत है। आज के दिन भगवान शिव के साथ मां पार्वती की विशेष पूजा की जाती है। सुहागन महिलाएं अखंड सौभाग्य की कामना से मां पार्वती की पूजा करती हैं। आज के मंगला गौरी व्रत के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। आइए जानते हैं कि आज किस मुहूर्त में किस विधि और मंत्र से माता पार्वती की पूजा अर्चना करें।

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आज का शुभ समय

अभिजित मुहूर्त: दोपहर 12:00 बजे से 12 बजकर 55 मिनट तक।

सर्वार्थ सिद्धि योग: आज रात 08 बजकर 30 मिनट से 22 जुलाई को सुबह 05 बजकर 37 मिनट तक।

विजय मुहूर्त: दोपहर 02 बजकर 44 मिनट से दोपहर 03 बजकर 39 मिनट तक।

अमृत काल: दोपहर 02 बजकर 20 मिनट से शाम को 03 बजकर 53 मिनट तक।

राहुकाल और दिशाशूल

आज का राहुकाल: दोपहर 03:00 बजे से 04:30 बजे तक।

आज का दिशाशूल: उत्तर।

महागौरी मंत्र

जिस प्रकार सावन सोमवार को शिव पंचाक्षर मंत्र का जाप किया जाता है। वैसे ही मंगला गौरी व्रत के दिन पूजा के समय महागौरी मंत्र का उच्चारण करना चाहिए।

सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सवार्थ साधिके। शरण्येत्र्यंबके गौरी नारायणी नमोस्तुते।।

मंगला गौरी व्रत एवं पूजा विधि

आज सुबह दैनिक कार्यों से निवृत होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद आप सावन के तीसरे मंगला गौरी व्रत एवं पूजा का संकल्प लें। पूजा स्थान की सफाई के बाद एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर माता पार्वती एवं भगवान शिव की तस्वीर या मूर्ति को स्थापित कर दें। इसके पश्चात माता पार्वती को फूल, अक्षत्, धूप, दीप, गंध, सिंदूर, फल, मिठाई आदि चढ़ाएं। माता पार्वती को सुहाग की सामग्री अ​र्पित करें। इसमें 16 श्रृंगार की वस्तुएं जैसे सिंदूर, मेंहदी, चूड़ी, चुनरी, साड़ी आदि शामिल हों। 

माता को ये वस्तुएं अर्पित करने दौरान महागौरी मंत्र का उच्चारण करते रहें। इसके बाद देवों के देव महादेव का जलाभिषेक करें। शिव पंचाक्षर मंत्र ओम नम: ​शिवाय का जाप करते हुए  भोलेनाथ को बेलपत्र, भांग, धतूरा, सफेद फूल, फल, गाय का दूध, शहद आदि अर्पित करें। इसके पश्चात मंगला गौरी व्रत का पाठ और माता मंगला गौरी की आरती करें।

पूजा संपन्न होने के बाद प्रसाद परिजनों को दें। पूजा के दौरान माता पार्वती और शिव जी को भेंट की गई वस्तुएं किसी ब्राह्मण को दान करें। 


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