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Sawan 2020 Pahla Pradosh Vrat: आज है सावन का पहला प्रदोष, शिव पूजा में इन बातों का रखें ध्यान

Sawan 2020 Pahla Pradosh Vrat सावन का पहला प्रदोष व्रत 18 जुलाई को है। यह हिंदू धर्म के अहम व्रतों में से एक है। इस दिन भगवान शिव की आराधना की जाती है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Wed, 15 Jul 2020 11:25 AM (IST)Updated: Sat, 18 Jul 2020 10:03 AM (IST)
Sawan 2020 Pahla Pradosh Vrat: आज है सावन का पहला प्रदोष, शिव पूजा में इन बातों का रखें ध्यान
Sawan 2020 Pahla Pradosh Vrat: आज है सावन का पहला प्रदोष, शिव पूजा में इन बातों का रखें ध्यान

Sawan 2020 Pahla Pradosh Vrat: सावन का पहला प्रदोष व्रत 18 जुलाई को है। यह हिंदू धर्म के अहम व्रतों में से एक है। इस दिन भगवान शिव की आराधना की जाती है। सावन में पड़ने वाले प्रदोष व्रत का महत्व कई गुना बढ़ जाता है। हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार, प्रदोष व्रत चंद्र मास के 13वें दिन (त्रयोदशी) पर होता है। अगर व्यक्ति यह व्रत श्रद्धापूर्वक और विधि-विधान के साथ करता है तो उसे मोक्ष प्राप्त होता है। साथ ही व्यक्ति के पाप भी धुल जाते हैं। अगर आप इस व्रत को करते हैं तो हम आपको इस व्रत की 10 खास बातों की जानकारी दे रहे हैं।

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प्रदोष व्रत करते समय इन बातों का रखें ख्याल:

1. त्रयोदशी के दिन प्रात:काल सूर्य उदय से पहने उठना चाहिए।

2. सभी कामों से निवृत होकर भोलेनाथ को याद करें।

3. ध्यान रहे कि इस व्रत में खाना नहीं खाया जाता है।

4. पूरा दिन व्रत करें और सूर्यास्त से एक घंटा पहले स्नान करें। इसके बाद श्वेत वस्त्र धारण करें।

5. जहां पूजा करनी है उस स्थान को गंगाजल से शुद्ध करें। फिर गाय के गोबर से मंडप तैयार करें।

6. 5 रंगों का इस्तेमाल कर मंडप पर रंगोली बनाएं।

7. इस व्रत के लिए कुशा का आसान इस्तेमाल किया जाता है।

8. भगवान शंकर की आराधना उतर-पूर्व दिशा की ओर मुख कर ही करनी चाहिए।

9. ऊँ नम: शिवाय का जाप करते हुए भोलेनाथ को जल चढ़ाए।

10. त्रयोदशी तिथि को ही प्रदोष व्रत का उद्यापन करें।

अपरम्पार है इस व्रत की महिमा:

शास्त्रों के अनुसार, इस व्रत को जो व्यक्ति विधिपूर्वक करता है उसकी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। एक पौराणिक तथ्य की मानें तो जब चारों ओर अधर्म का राज होगा और मनुष्यों में स्वार्थ भाव आ जाएगा। मनुष्य सत्कर्म करने के बजाय गलत कर्म करेगा, इस समय अगर कोई भगवान शिव का त्रयोदशी व्रत करेगा तो उसे भोलेनाथ का आर्शीवाद मिलेगा। इससे व्यक्ति अपने कर्मों से बरी होकर मोक्ष के मार्ग पर जाएगा। 


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