Sawan 2019: Som Pradosh Vrat आज, बन रहा है सर्वार्थ अमृत दुर्लभ संधि योग, जानें महत्व
Som Pradosh Vrat 2019 इस वर्ष श्रावण मास का विशेष महत्व इसलिए भी है कि शुक्ल और कृष्ण दोनों पक्ष का प्रदोष व्रत सोमवार को ही पड़ रहा है।
Som Pradosh Vrat 2019: इस वर्ष श्रावण मास का विशेष महत्व इसलिए भी है कि शुक्ल और कृष्ण दोनों पक्ष का प्रदोष व्रत सोमवार को ही पड़ रहा है। श्रावण माह में सोम प्रदोष का होना भगवान शिव की प्रसन्नता का प्रतीक है। आज का सोम प्रदोष व्रत सर्वार्थ अमृत दुर्लभ संधि योग लेकर आ रहा है। सोम प्रदोष में शिव आराधना करने से निर्धन को धन, नि:सन्तान को सन्तान की प्राप्ति होती है।
सर्वार्थ अमृत दुर्लभ संधि योग का महत्व
सोम प्रदोष के इस दुर्लभ योग में अन्नप्राशन, प्रसूती-स्नान, नामकरण एवं व्यापार-संचालन का उत्तम मुहूर्त होता है। इस वर्ष मृगशिरा नक्षत्र का संयोग दूध, जल, घी एवं बेलपत्र से शिव की आराधना के लिए मणिकांचन-योग उत्पन्न कर रहा है।
इस मंत्र के जाप से पूरी होंगी मनोकामनाएं
शिव आराधना का इस योग में प्रसिद्ध एवं अति फलदायक मन्त्र- “ ॐ नम: शिवाय च मयोभवाय च शंकराय च नम: शिवाय च शिवतराय च नम:।।” से श्वेत मदार का पुष्प चढ़ाने से समस्त मनोवांच्छित फल की प्राप्ति होती है, इसमें किंचित सन्देह नहीं है।
साथ ही शनि, चन्द्रमा एवं राहु ग्रह की विपरीत गति को भी नियंत्रित करने में श्रावण माह के सोम प्रदोष का विशेष योगदान है।
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शनि का ताप होगा समाप्त
बेलपत्र के साथ शमी के पत्र भगवान शिव को अर्पित करने से शनि का ताप समाप्त हो जाता है। शिव-पुराण में दृष्टान्त आया है-“शमीपत्रणि शिवो शनिशम:।।”
सोमदोष में भगवान शिव का घृताभिषेक का भी अति फलदायी महत्व बताया गया है।
- ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट
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