Sawan 2019: भगवान शिव को भूलकर भी न अर्पित करें यह फूल, वरना हो जाएगा सर्वनाश
भगवान शिव को पूजा में केतकी का फूल भूलकर भी न चढ़ाएं ऐसा करने से सर्वनाश हो जाएगा। भगवान शिव ने झूठ बोलने पर केतकी को श्राप दिया था और अपनी पूजा से सर्वथा के लिए अयोग्य कर दिया था
नई दिल्ली, जेएनएन। श्रावण मास में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए भक्त गंगाजल, गाय का दूध, भांग, धतूरा, बेलपत्र, शहद, भभूत, सफेद चंदन आदि अर्पित करते हैं। श्रावण मास भगवान शिव का प्रिय मास है, इसलिए केवल जल अर्पित करने से भी वह भक्तों पर प्रसन्न हो जाते हैं। लेकिन भक्तों को इस बात का भी ख्याल रखना चाहिए कि वे कोई ऐसी वस्तु पूजा में भगवान शिव को न अर्पित कर दें, जिससे आपको भोलेनाथ के क्रोध का भागी बनना पड़े।
भगवान शिव को पूजा में केतकी का फूल भूलकर भी नहीं चढ़ाएं, ऐसा करने से आपका सर्वनाश हो जाएगा। भगवान शिव ने झूठ बोलने के कारण केतकी को श्राप दिया था और अपने पूजा से उसे सर्वथा के लिए अयोग्य कर दिया था। आइए जानते हैं उस कथा के बारे में, जिसमें भगवान शिव ने केतकी से क्रोधित हो गए थे।
कथा
एक बार ब्रह्मा और विष्णु में विवाद हो गया कि उन दोनों में से कौन श्रेष्ठ है। उसी समय उनके बीच एक ज्योतिर्लिंग प्रकट हुआ। इस पर उन दोनों ने कहा कि उन दोनों में से जो इस ज्योतिर्लिंग के आदि-अंत का पता लगा लेगा, वही श्रेष्ठ होगा। कई सालों तक वे जांच करते रहे, लेकिन वे ज्योतिर्लिंग के आदि-अंत का पता नहीं लगा सके। अंत में विष्णु भगवान ने इस बात मान लिया कि वे असमर्थ हैं लेकिन ब्रह्मा जी ने झूठ बोल दिया। उन्होंने ज्योतिर्लिंग के आदि-अंत का पता लगा लेने की बात कही, गवाही के लिए केतकी को उपस्थित कर दिया।
तभी आकाशवाणी हुई कि ब्रह्मा और केतकी दोनों ही झूठ बोल रहे हैं। यह सुनकर ब्रह्मा जी लज्जित हो गए। ब्रह्मा और विष्णु आकाशवाणी के बारे में विचार कर ही रहे थे, तभी उनके मध्य भगवान शिव प्रकट हो गए। उन्होंने कहा कि आप दोनों मत झगड़ों क्योंकि इस सृष्टि का मूलभूत उत्पादक मैं ही हूं। तुम दोनों की उत्पत्ति भी मुझ से हुई है।
झूठ के कारण ब्रह्मा जी और केतकी को दण्ड का भागी बनना पड़ा। भगवान शिव ने कहा कि आज से केतकी पुष्प को उनकी पूजा में कोई स्थान नहीं मिलेगा, जो लोग भूल से भी केतकी को अर्पित करेंगे, उनका सर्वनाश हो जाएगा।
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