Rinmochan Stotra: हनुमान जी की पूजा के समय करें ऋणमोचन स्तोत्र का पाठ, आर्थिक तंगी हमेशा के लिए होगी दूर
ज्योतिषियों की मानें तो शनि दोष समेत अशुभ ग्रहों के प्रभाव के चलते व्यक्ति को जीवन में नाना प्रकार की परेशानियों से गुजरना पड़ता है। इसके साथ ही धन स्थिति भी विषम हो जाती है। हनुमान जी की पूजा (Hanuman ji Puja Vidhi) करने से साधक को सभी प्रकार के दुखों से मुक्ति मिलती है। साथ ही जीवन में मंगल का आगमन होता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। मंगलवार का दिन हनुमान जी को अति प्रिय है। इस दिन हनुमान जी की विशेष पूजा की जाती है। इसके साथ ही मनचाहा वर पाने के लिए मंगलवार का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक या व्रती को हर कार्य में सफलता मिलती है। साथ ही सभी बिगड़े काम बन जाते हैं। ज्योतिष भी शुभ कार्यों में सफलता पाने के लिए हनुमान जी की पूजा करने की सलाह देते हैं। हनुमान जी की पूजा करने से कुंडली में अशुभ ग्रहों का प्रभाव भी समाप्त हो जाता है। इसके साथ ही जीवन में मंगल का आगमन होता है। अगर आप भी आर्थिक तंगी समेत जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के कष्टों से निजात पाना चाहते हैं, तो मंगलवार के दिन स्नान-ध्यान के बाद विधि-विधान से हनुमान जी की पूजा करें। इस समय ऋणमोचन स्तोत्र का पाठ करें। इस स्तोत्र के पाठ से धन संबंधी परेशानी दूर हो जाती है।
यह भी पढ़ें: मंगलवार के दिन जरूर करें सिंदूर से जुड़े ये उपाय, धन संबंधी परेशानी होगी दूर
ऋणमोचन अङ्गारकस्तोत्रम्
रक्तमाल्याम्बरधरः शूलशक्तिगदाधरः ।
चतुर्भुजो मेषगतो वरदश्च धरासुतः ॥
मङ्गलो भूमिपुत्रश्च ऋणहर्ता धनप्रदः ।
स्थिरासनो महाकायो सर्वकामफलप्रदः ॥
लोहितो लोहिताक्षश्च सामगानां कृपाकरः ।
धरात्मजः कुजो भौमो भूमिदो भूमिनन्दनः ॥
अङ्गारको यमश्चैव सर्वरोगापहारकः ।
सृष्टेः कर्ता च हर्ता च सर्वदेशैश्च पूजितः ॥
एतानि कुजनामानि नित्यं यः प्रयतः पठेत् ।
ऋणं न जायते तस्य श्रियं प्राप्नोत्यसंशयः ॥
अङ्गारक महीपुत्र भगवन् भक्तवत्सल ।
नमोऽस्तु ते ममाशेषं ऋणमाशु विनाशय ॥
रक्तगन्धैश्च पुष्पैश्च धूपदीपैर्गुडोदनैः ।
मङ्गलं पूजयित्वा तु मङ्गलाहनि सर्वदा ॥
एकविंशति नामानि पठित्वा तु तदन्तिके ।
ऋणरेखा प्रकर्तव्या अङ्गारेण तदग्रतः ॥
ताश्च प्रमार्जयेन्नित्यं वामपादेन संस्मरन् ।
एवं कृते न सन्देहः ऋणान्मुक्तः सुखी भवेत् ॥
महतीं श्रियमाप्नोति धनदेन समो भवेत् ।
भूमिं च लभते विद्वान् पुत्रानायुश्च विन्दति ॥
मूलमन्त्रः
अङ्गारक महीपुत्र भगवन् भक्तवत्सल ।
नमस्तेऽस्तु महाभाग ऋणमाशु विनाशय ॥
अर्घ्यम् । भूमिपुत्र महातेजः स्वेदोद्भव पिनाकिनः ।
ऋणार्थस्त्वां प्रपन्नोऽस्मि गृहाणार्घ्यं नमोऽस्तु ते ॥
स्तोत्र के लाभ
इस स्तोत्र के पाठ से व्यक्ति विशेष पर हनुमान जी की कृपा बरसती है। उनकी कृपा से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही आर्थिक तंगी दूर हो जाती है। सनातन शास्त्रों में निहित है कि हनुमान जी के नाम मात्र जप से व्यक्ति को शारीरिक एवं मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलती है।
यह भी पढ़ें: कब और कैसे हुई धन की देवी की उत्पत्ति? जानें इससे जुड़ी कथा एवं महत्व
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।