Ram Navami 2019 date: नवमी तिथि पर शुभ मुहूर्त में करें राम जन्म की पूजा, राशि अनुसार लगायें भोग
Rama Navami 2019 माना जाता है कि श्री राम का जन्म मध्यान्ह काल में व्याप्त नवमी तिथि को पुष्य नक्षत्र में हुआ था। शुभ मुहूर्त में उनकी पूजा से उत्तम फल की प्राप्ति होती है।
राम नवमी की गणना
भगवान विष्णु के 7वें अवतार मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में रामनवमी मनाई जाती है। प्रत्येक साल हिन्दू कैंलेडर के अनुसार चैत्र मास की नवमी तिथि को श्रीराम नवमी के रूप मनाया जाता है। चैत्र मास में ही प्रतिपदा से लेकर नवमी तक नवरात्रि भी मनाई जाती है। नवरात्रि का समापन रामनवमी के दिन ही होता है। पंडित दीपक पांडे का कहना है कि भारतीय ज्योतिष के अनुसार किसी भी शक्ति का जन्म या अवतरण रात्रि या मध्यान्ह 12 बजे ही होता है। इसी क्रम में कहा जाता है कि चैत्र शुक्ल नवमी को दोपहर 12 बजे कर्क लग्न, पुष्य नक्षत्र में हुआ था। इस आधार पर ये संयोग 13 अप्रैल 2019 को बन रहा है। ये भी कहा जा रहा है कि इस वर्ष ग्रहों का वैसा ही संयोग बन रहा जैसा त्रेता युग में राम जन्म के समय बना था।
रामनवमी 2019 का मुहूर्त
इस वर्ष राम नवमी 13 अप्रैल शनिवार को दोपहर 11 बज कर 42 मिनट पर लगेगी और 14 अप्रैल को 09 बज कर 36 मिनट तक रहेगी। इस प्रकार पूजन का श्रेष्ठ मुहूर्त 13 अप्रैल को ठीक दोपहर 12 बजे रहेगा, परंतु जो लोग उदिया तिथि के अनुसार पूजा करते हैं वे 14 अप्रैल को पूजा करेंगे। इसी दिन सभी कन्या पूजन करके अपने नवरात्रि के व्रत को भी खोलेंगे। ये योग कार्यसिद्धि प्रदायक माना जायेगा है। व्यावसायिक कामों की शुरुआत के लिए यह दिन बहुत ही शुभ माना जाता है। रामनवमी के दिन बहुत से लोग राम जन्म भूमि अयोध्या जाते हैं और ब्रह्म मुहूर्त में सरयू नदी में स्नान करने के बाद भगवान राम के मंदिर जाकर भक्तिभाव से पूजा-पाठ करते हैं। इस दिन जगह-जगह रामायण का पाठ करवाया जाता है। कई स्थानों में राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान की झाकियां या पालकी निकाली जाती है।
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पूजा विधि
इस दिन प्रातः काल स्नान आदि से निवृत्त होकर सबसे पहले श्री गणेश की पूजा करें। इसके बाद राम दरबार यानि सीता, लक्ष्मण और हनुमान की स्थापना करें। अब पूजा में भगवान श्री राम का पूजन, आह्वान और आरती करें। इसके बाद पुष्पांजलि अर्पित करके क्षमा प्रार्थना करे। पूजा में तुलसी पत्ता और कमल का फूल अवश्य होना चाहिए। उसके बाद श्रीराम नवमी की पूजा षोडशोपचार करें। आखिर में इस मंत्र का जाप करते हुए समर्पण करें। कृतेनानेन पूजनेन श्री सीतारामाय समर्पयामि। वहीं नारद पुराण के अनुसार राम नवमी के दिन सभी भक्तों को उपवास करने का भी सुझाव दिया गया है।
राशि अनुसार लगायें भोग
बताते हैं कि राम नवमी के दिन भगवान से सुखी दांपत्य जीवन का भी आर्शिवाद प्राप्त होता है। इसके लिए यदि विभिन्न राशि वाले कुछ खास चीजें दान करें तो उन्हें वैवाहिक जीवन में सुख शांति प्राप्ति हो सकती है।
मेष राशि- लड्डू और अनार का भोग लगायें।
वृष राशि- रसगुल्ले का भोग लगायें।
मिथुन राशि- 1 किलो काजू की बर्फी और अमरूद चढ़ायें।
कर्क राशि- मावे की बर्फी और नारियल का भोग लगायें।
सिंह राशि- गुड़ एवं बेल का फल चढ़ायें।
कन्या राशि- तुलसी पत्र के साथ नाशपाती या किसी अन्य हरे फल का भोग लगायें।
तुला राशि- कलाकंद और सेब का भोग लगायें।
वृश्चिक राशि- गुड़ की रेवड़ी और गाजर के हलवे का भोग लगायें।
धनु राशि- बेसन की बर्फी और लड्डू का भोग लगायें।
मकर राशि- गुलाब जामुन और काले अंगूर का भोग लगायें।
कुंभ राशि- चीकू या ऐसे ही किसी भूरे छिलके वाले फल का भोग लगायें।
मीन राशि- जलेबी और केले का भोग लगायें।