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Raksha Panchami 2022: किसी वजह से रक्षा बंधन में नहीं बांध पाई हैं राखी तो आज का दिन अति उत्तम, जानें रक्षा पंचमी का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Raksha Panchami 2022 रक्षा पंचमी के दिन भगवान शिव श्रीगणेश के साथ नाग देवता की पूजा करने का विधान है। इसके साथ ही अगर रक्षाबंधन के दिन बहनें भाई को राखी नहीं बांध पाई हैं तो आज के दिन राखी बांधना शुभ होगा।

By Shivani SinghEdited By: Published: Tue, 16 Aug 2022 07:55 AM (IST)Updated: Tue, 16 Aug 2022 07:55 AM (IST)
Raksha Panchami 2022: किसी वजह से रक्षा बंधन में नहीं बांध पाई हैं राखी तो आज का दिन अति उत्तम, जानें रक्षा पंचमी का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
Raksha Panchami 2022: जानें रक्षा पंचमी का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

नई दिल्ली, Raksha Panchami 2022: भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को रक्षा पंचमी मनाई जाती है। इस साल रक्षा पंचमी का पर्व आज मनाया जा रहा है। रक्षा पंचमी को रेखा पंचमी शांति पंचमी जैसे नामों से भी जाना जाता है। बता दें कि रक्षा पंचमी का पर्व पर बहनें भाईयों को राखी बांधती हैं। माना जाता है कि अगर किसी कारणवश बहनें भाईयों की कलाई में राखी नहीं बांध पाई हैं, तो आज के दिन बांधना शुभ होगा। जानिए रक्षा पंचमी का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।

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रक्षा पंचमी का शुभ मुहूर्त

भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि का प्रारंभ - 15 अगस्त को रात 09 बजकर 01 मिनट से शुरू

भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि का समापन- 16 अगस्त मंगलवार को शाम 06 बजकर 17 मिनट

रवि योग- रात 09 बजकर 07 मिनट से अगले दिन सुबह 05 बजकर 51 मिनट तक

सर्वार्थ सिद्धि योग- रात 9 बजकर 7 मिनट से शुरू होकर 17 अगस्त को शाम 5 बजकर 51 मिनट तक।

बहनें ऐसे बांधे भाई की कलाई में रक्षा सूत्र

आज बहनें स्नान आदि करके साफ-सुथरे वस्त्र धारण कर लें। इसके बाद भगवान शिव और गणेश जी की पूजा कर लें। इसके बाद भाई के माथे में तिलक लगाकर राखी बांधे और फिर मिठाई खिलाकर आरती कर लें।

रक्षा पंचमी को की जाती है नाग और गोगा देवता की पूजा

रक्षा पंचमी को नाग पंचमी और गोगा पंचमी के नाम से भी जानते हैं। आज के दिन नाग देव और गोगा देवता की विधिवत पूजा करते दूध, पानी, रोली, अक्षत आदि अर्पित करके संतान की लंबी आयु की कामना की जाती है।

भगवान शिव और गणपति जी की पूजा का महत्व

वेद-शास्त्रों के अनुसार, रक्षा पंचमी पर भगवान शिव के पंचम रुद्रावतार भैरवनाथ की पूजा करने का विशेष महत्व है। इसके साथ ही आज के दिन भगवान गणेश के हरिद्रा रूप की पूजा करने का विधान है। आज भगवान गणेश को दूर्वा और सरसों चढ़ाना शुभ होगा।

Pic Credit- Freepik

डिसक्लेमर

इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।


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