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Puja Path Tips: देवी-देवताओं को भोग लगाते समय बिलकुल ना करें ये गलती, बढ़ सकती हैं मुसीबतें

Puja Path Tips हिन्दू धर्म में मान्यताओं के अनुसार देवी-देवताओं को भोग अर्पित करने से भगवान प्रसन्न होते हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। लेकिन शास्त्रों में इस विषय में कुछ नियम भी निर्धारित किए गए हैं जिनका पालन आवश्यक माना जाता है।

By Shantanoo MishraEdited By: Published: Sat, 01 Oct 2022 04:58 PM (IST)Updated: Sat, 01 Oct 2022 04:58 PM (IST)
Puja Path Tips: देवी-देवताओं को भोग लगाते समय बिलकुल ना करें ये गलती, बढ़ सकती हैं मुसीबतें
Puja Path Tips: भगवान को भोग अर्पित करते समय जरूर रखें इस बात का ध्यान।

नई दिल्ली, Puja Path Tips, Bhog: हिंदू धर्म में भगवान को भोग लगाने की प्रथा पौराणिक काल से चली आ रही है। मान्यता है कि देवी-देवताओं को उनके प्रिय चीजों का भोग लगाने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन से कई प्रकार की समस्याएं दूर हो जाती है। लेकिन शास्त्रों में इस विषय को लेकर कुछ नियम भी निर्धारित किए गए हैं। जिनका पालन करना जरूरी माना जाता है। बता दें कि नैवेद्य को अर्पित करने के बाद उसे भगवान के पास छोड़ देने से कई प्रकार की मुसीबतें आ सकती हैं और ऐसा करने से भगवान नाराज हो सकते हैं। आइए ज्योतिष शास्त्र के माध्यम से जानते हैं की नैवेद्य चढ़ाने के बाद क्या करना चाहिए।

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नैवेद्य अर्पित करते समय रखें इस बात का विशेष ध्यान

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान को पूजा के बाद नैवेद्य चढ़ाने विधान है। लेकिन ज्योतिष शास्त्र में यह भी बताया गया है कि चढ़ाए गए नैवेद्य को पूजा स्थल से तुरंत हटा देना चाहिए और प्रसाद के रूप में सेवन करना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि नैवेद्य अर्पित करने के तत्काल बाद ही निर्माल्य हो जाता है। जिस वजह से लंबे समय तक उसे रखना अशुभ माना जाता है। जिसके कारण घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है। इसलिए देवी-देवताओं को अर्पित किए गए भोग को तुरंत उठा लेना चाहिए। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और भगवान की कृपा परिवार के सभी सदस्यों पर बनी रहती है।

इन पात्रों में अर्पित करें भगवान को भोग

वास्तुशास्त्र में बताए गए नियमों के अनुसार नैवेद्य को सोने, चांदी अथवा तांबे के पात्र में चढ़ाना चाहिए। इसके साथ आप इसे पत्थर, यज्ञीय लकड़ी अथवा मिट्टी के पात्र में भी अर्पित कर सकते हैं। हिंदू धर्म में इन सभी बातों को सबसे पवित्र माना गया है और ऐसा करने से देवी देवता प्रसन्न होते हैं। साथ ही सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं। बता दें कि इन धातुओं के अतिरिक्त किसी अन्य पात्र में नैवेद्य अर्पित करने से संकट बढ़ सकता है और वास्तु दोष का भी खतरा बढ़ने की संभावना अधिक हो जाती है।

डिसक्लेमर

इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।


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