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Pradosh Vrat 2021: बुध प्रदोष व्रत पर इस तरह करें भोलेनाथ की पूजा, पढ़ें विधि

Pradosh Vrat 2021 प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत किया जाता है। आज के दिन यह व्रत किया जाता है। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा पूरे विधि-विधान के साथ की जाती है। आइए जानते हैं प्रदोष व्रत की पूजा विधि।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Wed, 10 Mar 2021 07:00 AM (IST)Updated: Wed, 10 Mar 2021 09:16 AM (IST)
Pradosh Vrat 2021: बुध प्रदोष व्रत पर इस तरह करें भोलेनाथ की पूजा, पढ़ें विधि
Pradosh Vrat 2021: बुध प्रदोष व्रत पर इस तरह करें भोलेनाथ की पूजा, पढ़ें विधि

Pradosh Vrat 2021: प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत किया जाता है। आज के दिन यह व्रत किया जाता है। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा पूरे विधि-विधान के साथ की जाती है। कहा जाता है प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में ही की जानी चाहिए। इस व्रत को करने से भगवान शिव प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्तों के सभी कष्टों को हर लेते हैं। साथ ही जीवन में सुख, शांति और समृद्धि भी आती है। इस बार प्रदोष व्रत और महा शिवरात्रि पड़ने की वजह से ये दो दिन शिव भक्तों के लिए बेहद ही खास रहेंगे। आइए जानते हैं प्रदोष व्रत की पूजा विधि।

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प्रदोष व्रत की पूजा विधि:

  • इस दिन सुबह सवेरे उठ जाना चाहिए। प्रदोष व्रत की पूजा सूर्यास्त से पौने घंटे यानि 45 मिनट पहले और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक की जाती है।
  • इस दिन भक्तों को सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठ जाना चाहिए। फिर नित्यकर्मों से निवृत्त होकर स्नानादि कर लें और साफ वस्त्र धारण कर लें।
  • इसके बाद भगवान शिव की पूजा करें। त्रयोदशी तिथि पर पूरे दिन उपवास किया जाता है।
  • पूरे दिन उपवास करने के बाद प्रदोष काल में पूजा करनी चाहिए।
  • भोलेनाथ और माता पार्वती के समक्ष धूप-दीप जलाएं और उनकी आरती करें।
  • शिव जी को चंदन का तिलक लगाएं और उन्हें पुष्प, अक्षत और नैवेद्य अर्पित करें। 
  • अगर सुहागिन महिलाएं पूजा कर रही हैं तो उन्हें माता पार्वती को लाल चुनरी और सुहाग का सामान अर्पित करना चाहिए।
  • ध्यान रहे कि इस दिन पूजा करने के लिए कुशा के आसन का ही इस्तेमाल करें।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। '


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