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Pradosh Vrat 2020: आज है प्रदोष व्रत, जानें- भगवान शिव की पूजा का समय और व्रत महत्व

Pradosh Vrat 2020 इस व्रत के पुण्य-प्रताप से अनेकों ऋषि-मुनियों को भगवद्धाम की प्राप्ति हुई है। साथ ही समस्त लोकों का कल्याण हुआ है।

By Umanath SinghEdited By: Published: Thu, 18 Jun 2020 06:00 AM (IST)Updated: Thu, 18 Jun 2020 06:00 AM (IST)
Pradosh Vrat 2020: आज है प्रदोष व्रत, जानें- भगवान शिव की पूजा का समय और व्रत महत्व
Pradosh Vrat 2020: आज है प्रदोष व्रत, जानें- भगवान शिव की पूजा का समय और व्रत महत्व

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Pradosh Vrat 2020: आज प्रदोष व्रत है। यह पर्व हर महीने की कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है। इस बार आषाढ़ माह में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी का प्रदोष व्रत 18 जून को मनाया जा रहा है। इस दिन भगवान भोलेनाथ और माता-पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से व्यक्ति के सभी दोष दूर हो जाते हैं और व्यक्ति का जीवन निर्मल हो जाता है। आइए, व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और व्रत महत्व जानते हैं-

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प्रदोष व्रत महत्व

भगवान शिव के अनन्य भक्त और महर्षि सूतजी ने इस व्रत के पुण्य-प्रताप का विस्तार से वर्णन किया है। इस व्रत के पुण्य-प्रताप से अनेकों ऋषि-मुनियों को भगवद्धाम की प्राप्ति हुई है। साथ ही समस्त लोकों का कल्याण हुआ है। इस बार प्रदोष व्रत गुरुवार को है। इस दिन व्रत करने से शत्रुओं का दमन होता है।

प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त

व्रती आज के दिन किसी भी समय भगवान शिव जी एवं माता पार्वती की पूजा-उपासना कर सकते हैं। इस दिन त्रयोदशी की तिथि प्रातः काल 9 बजकर 39 मिनट से शुरू होकर 19 जून को दिन में 11 बजे समाप्त होगी। हालांकि, प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त संध्याकाल में 7 बजकर 21 मिनट से शुरू होकर रात्रि में 9 बजकर 22 मिनट तक है।

प्रदोष व्रत पूजा विधि

इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर शिव जी का स्मरण कर दिन की शुरुआत करें। इसके पश्चात नित्य कर्मों से निवृत होकर गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें। अब आमचन कर अपने आप को शुद्ध करें। इसके बाद स्वच्छ कपड़े धारण करें। अब सबसे पहले भगवान सूर्य को जल का अर्घ्य दें।

तत्पश्चात, भगवान शिव जी एवं माता पार्वती की पूजा शिव चालीसा का पाठ, मंत्रों का जाप कर फल, फूल, धूप, दीप, अक्षत, भांग, धतूरा, दूध,दही और पंचामृत से करें। अंत में आरती अर्चना कर भगवान शिव और माता पार्वती से अन्न, जल और धन की कामना करें। दिनभर उपवास रखें। शाम में आरती अर्चना करें। फिर फलाहार करें। अगले दिन पूजा-पाठ संपन्न कर व्रत खोलें।


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