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Pradosh Vrat 2020: आज प्रदोष व्रत की पूजा के समय करें शिव आरती, प्रसन्न होंगे महादेव

Pradosh Vrat 2020 इस आरती के बाद भगवान शिव और माता पार्वती से परिवार के कल्याण की कामना करें और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करें।

By Umanath SinghEdited By: Published: Thu, 02 Jul 2020 12:18 PM (IST)Updated: Thu, 02 Jul 2020 12:18 PM (IST)
Pradosh Vrat 2020: आज प्रदोष व्रत की पूजा के समय करें शिव आरती, प्रसन्न होंगे महादेव
Pradosh Vrat 2020: आज प्रदोष व्रत की पूजा के समय करें शिव आरती, प्रसन्न होंगे महादेव

दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Pradosh Vrat 2020: आज प्रदोष व्रत है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। इस व्रत के पुण्य प्रताप से व्यक्ति के समस्त पाप और दोष दूर हो जाते हैं। हिंदी पंचांग के अनुसार, त्रयोदशी की तिथि 3 जुलाई को दिन में 1 बजकर 16 मिनट पर समाप्त होगी, अतः साधक आज के दिन प्रदोष काल में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा कर सकते हैं।

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किसी कारणवश यदि पूजा में कमी रह जाती है तो धार्मिक मान्यता है कि उस देव की आरती करने पूजा पूर्ण मानी जाती है। अतः आज के दिन प्रदोष व्रत पूजा के अंत में व्रत लाभ और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए भगवान शिव की आरती जरूर करें।

भगवान शिव की आरती

जय शिव ओंकारा, ओम जय शिव ओंकारा।

ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा॥

ओम जय शिव ओंकारा...

एकानन चतुरानन पंचानन राजे।

हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे॥

ओम जय शिव ओंकारा...

दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे।

त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे॥

ओम जय शिव ओंकारा...

अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी।

त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी॥

ओम जय शिव ओंकारा...

श्वेतांबर पीतांबर बाघंबर अंगे।

सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे॥

ओम जय शिव ओंकारा...

कर के मध्य कमंडल चक्र त्रिशूलधारी।

सुखकारी दुखहारी जगपालन कारी॥

ओम जय शिव ओंकारा...

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।

प्रणवाक्षर में शोभित ये तीनों एका॥

ओम जय शिव ओंकारा...

लक्ष्मी व सावित्री पार्वती संगा।

पार्वती अर्द्धांगी, शिवलहरी गंगा॥

ओम जय शिव ओंकारा...

पर्वत सोहैं पार्वती, शंकर कैलासा।

भांग धतूर का भोजन, भस्मी में वासा॥

ओम जय शिव ओंकारा...

जटा में गंग बहत है, गल मुण्डन माला।

शेष नाग लिपटावत, ओढ़त मृगछाला॥

ओम जय शिव ओंकारा...

काशी में विराजे विश्वनाथ, नंदी ब्रह्मचारी।

नित उठ दर्शन पावत, महिमा अति भारी॥

ओम जय शिव ओंकारा...

त्रिगुणस्वामी जी की आरति जो कोइ नर गावे।

कहत शिवानंद स्वामी सुख संपति पावे॥

ओम जय शिव ओंकारा...

इस आरती के बाद भगवान शिव और माता पार्वती से परिवार के कल्याण की कामना करें और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करें। ऐसा कहा जाता है कि आरती करने से नकरात्मक शक्तियों का समूल नाश हो जाता है। 


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