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Nirjala Ekadashi 2021: आज है निर्जला एकदाशी, जानें तिथि, पूजा मुहूर्त, पारण समय, व्रत नियम एवं धार्मिक महत्व

Nirjala Ekadashi 2021 हिंदू धर्म में निर्जला एकादशी के व्रत का सभी एकादशी में विशेष महत्व है। निर्जला एकादशी का व्रत ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है। उदया तिथि के अनुसार इस वर्ष निर्जला एकादशी का व्रत आज 21 जून को रखा जाएगा।

By Jeetesh KumarEdited By: Published: Thu, 10 Jun 2021 01:20 PM (IST)Updated: Mon, 21 Jun 2021 06:14 AM (IST)
Nirjala Ekadashi 2021: आज है निर्जला एकदाशी, जानें तिथि, पूजा मुहूर्त, पारण समय, व्रत नियम एवं धार्मिक महत्व
Nirjala Ekadashi 2021: आज है निर्जला एकदाशी, जानें तिथि, पूजा मुहूर्त, पारण समय, व्रत नियम एवं धार्मिक महत्व

Nirjala Ekadashi 2021: निर्जला एकादशी, जैसा कि नाम से प्रतीत होता है, इसका व्रत रखने वाले पूरे व्रत के दौरान एक बूंद भी जल ग्रहण नहीं करते हैं। हिंदू धर्म में निर्जला एकादशी के व्रत का सभी एकादशी में विशेष महत्व है। निर्जला एकादशी का व्रत ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है। इस वर्ष यह तिथि 20 जून को शाम 4:21 बजे से शुरू हुई है तथा इसका समापन 21 जून को दोपहर 01:31 बजे होगा। उदया तिथि के अनुसार निर्जला एकादशी का व्रत आज 21 जून को रखा जाएगा। वहीं, व्रत का पारण अगले दिन, 22 जून को किया जाएगा।

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निर्जला एकादशी व्रत के नियम

निर्जला एकादशी के व्रत को अत्यन्त कठिन माना जाता है क्योंकि इस व्रत में व्रतधारी व्रत के संकल्प से पारण तक एक बूंद भी जल ग्रहण नहीं करते हैं। निर्जला एकादशी का व्रत रखने वाले को एक दिन पहले से ही चावल का त्याग कर देना चाहिए तथा व्रत को करने से पहले केवल सात्विक भोजन ही करना चाहिए।

निर्जला एकादशी का महत्व

शास्त्रों के अनुसार, अपने जीवन में मनुष्य को निर्जला एकादशी का व्रत अवश्य रखना चाहिए। इस व्रत को निर्जला के आलावा पांडव एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है कि इस व्रत का पालन महाभारत काल में भीमसेन ने किया था और उनको स्वर्गलोक की प्राप्ति हुई थी। ऐसी मान्यता है कि एकादशी व्रत को करने से मोक्ष की प्राप्ति तो होती है। इसके साथ ही लोगों की सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं। एकादशी के व्रत में भगवान विष्णु की पूजा पूरे विधि-विधान के साथ की जाती है।

वर्ष भर की एकादशी का मिलता है फल

मान्यता है कि निर्जला एकादशी व्रत करने से एक साथ वर्ष भर की एकादशी के व्रत का फल मिलता है। हिंदी पंचांग के अनुसार, एक महीने में दो बार एकादशी की तिथि आती है, अतः साल में कुल मिलाकर 24 एकादशी पड़ती हैं।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।' 


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