Move to Jagran APP

Chaitra Navratri Kalash Sthapana 2020: नवरात्रि का आज पहला दिन, ऐसे करें घट स्थापना, जानें सामग्री, मुहूर्त एवं विधि के बारे में

Navratri Kalash Sthapana 2020 आज से चैत्र नवरात्रि का प्रारंभ हुआ है। मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना से पूर्व शुभ मुहूर्त में घट स्थापना या कलश स्थापना होता है।

By Kartikey TiwariEdited By: Published: Tue, 24 Mar 2020 09:11 AM (IST)Updated: Wed, 25 Mar 2020 02:21 PM (IST)
Chaitra Navratri Kalash Sthapana 2020: नवरात्रि का आज पहला दिन, ऐसे करें घट स्थापना, जानें सामग्री, मुहूर्त एवं विधि के बारे में
Chaitra Navratri Kalash Sthapana 2020: नवरात्रि का आज पहला दिन, ऐसे करें घट स्थापना, जानें सामग्री, मुहूर्त एवं विधि के बारे में

Navratri Kalash Sthapana 2020: वासंतिक नवरात्रि या चैत्र नवरात्रि का प्रारंभ कल से यानी बुधवार से हो रहा है। नवरात्रि में नौ देवियों की आराधना से पूर्व घट स्थापना या कलश स्थापना किया जाता है। कलश स्थापना मुख्यत: नौ दिन तक व्रत रखने वाले लोग करते हैं, लेकिन कई जगहों पर जो लोग नवरात्रि में प्रतिपदा और अष्टमी के दिन व्रत रखते हैं, वे भी कलश स्थापना करते हैं। कलश स्थापना शुभ मुहूर्त में किया जाता है, ऐसा करना फलदायी माना जाता है। यदि आप नवरात्रि का व्रत रखने वाले हैं तो आपको कलश स्थापना की तैयारी पहले से ही कर लेनी चाहिए। आप स्वयं घर पर कलश स्थापना करना चाहते हैं तो उसकी सामग्री, मुहूर्त, विधि आदि के बारे में जान लें।

loksabha election banner

कलश स्थापना मुहूर्त

चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि का प्रारंभ 24 मार्च दिन मंगलवार को दोपहर 02 बजकर 57 मिनट पर हो रहा है, जो 25 मार्च दिन बुधवार को शाम 05 बजकर 26 मिनट  तक रहेगी। बुधवार सुबह कलश स्थापना के लिए 58 मिनट का शुभ समय प्राप्त हो रहा है। आप सुबह 06 बजकर 19 मिनट से सुबह 07 बजकर 17 मिनट के मध्य कलश स्थापना कर सकते हैं। 

अभी तक आप कलश स्थापना नहीं कर पाए हैं तो परेशान न हों। आप अमृत मुहूर्त सुबह  07 बजकर 51 मिनट से 09 बजकर 23 मिनट तक है, इसमें भी कलश स्थापना कर सकते हैं। इसके अलावा चौघड़िया का शुभ मुहूर्त सुबह 10 बजकर 55 मिनट से दोपहर 12 बजकर 27 मिनट तक है। इस मुहूर्त में भी कलश स्थापना हो सकता है, लेकिन अमृत मुहूर्त कलश स्थापना के लिए श्रेष्ठ रहेगा।

कलश स्थापना या घट स्थापना की सामग्री

कलश स्थापना के लिए आप मिट्टी का कलश उपयोग करें तो उत्तम होगा, यदि संभव नहीं है तो फिर लोटे को कलश बना सकते हैं। कलश स्थापना में आपको एक कलश, स्वच्छ मिट्टी, थाली, कटोरी, जल, ताम्र कलश, मिट्टी का पात्र, दूर्वा, इत्र, चन्दन, चौकी, लाल वस्त्र, रूई, नारियल, चावल, सुपारी, रोली, मौली, जौ, धूप, दीप, फूल, नैवेद्य, अबीर, गुलाल, केसर, सिन्दूर, लौंग, इलायची, पान, सिंगार सामग्री, शक्कर, शुद्ध घी, वस्त्र, आभूषण, बिल्ब पत्र, यज्ञोपवीत, दूध, दही, गंगाजल, शहद आदि की आवश्यकता पड़ेगी।

Chaitra Navratri Date 2020: कल से प्रारंभ हो रही है चैत्र नवरात्रि, जानें किस दिन किस देवी की होगी पूजा

कलश स्थापना या घट स्थापना विधि

चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को प्रात:काल स्नान आदि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। फिर कलश स्थापना के लिए सामग्री पूजा स्थल पर एकत्र कर लें। अब एक चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं और मां दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर को स्थापित कर दें। इसके पश्चात मां दुर्गा के बाईं ओर सफेद वस्त्र पर 9 कोष्ठक नौ ग्रह के लिए बनाएं और लाल वस्त्र पर 16 कोष्ठक षौडशामृत के लिए बना लें। इतना करने के बाद कलश के गले में मौली या रक्षा सूत्र बांधें और उस पर रोली से स्वास्तिक बनाएं।

इसके पश्चात कलश स्थापना करें और पेंदी के पास गेहूं त​था चावल रख दें। फिर कलश में जल भरें तथा आम की पत्तियां डाल दें। इसके बाद एक मिट्टी के पात्र में चावल लें और उस पर नारियल के गोले में रक्षा सूत्र लपेट कर रखें। उस पात्र को कलश के मुख पर रख दें। अब एक अखंड दीपक जलाकर वहां रखें। इसके अलावा मिट्टी के पात्र में जौ को मिट्टी के साथ भर लें और उसे जल से सिंचित करें। अब उस पात्र को माता रानी की चौकी के बाईं ओर स्थापित करें।

यह कलश स्थापना की संपूर्ण विधि है। कलश स्थापना के बाद मां शैलपुत्री की विधिपूवर्क पूजा करें।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.