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Durga Ashtami 2020 Maa Mahagauri Puja: आज नवरात्रि के आठवें दिन होती है महाष्टमी, इस दिन करें महागौरी की पूजा और करें आरती

Durga Ashtami 2020 Maa Mahagauri Pujaआज नवरात्रि के आठवें दिन महागौरी की पूजा की जाती है। यह मां दुर्गा का आठवां स्वरूप है। इसे महाष्टमी या दुर्गाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन महागौरी की पूजा करने से व्यक्ति के सभी पाप खत्म हो जाते हैं।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 03:00 PM (IST)Updated: Sat, 24 Oct 2020 10:45 AM (IST)
Durga Ashtami 2020 Maa Mahagauri Puja: आज नवरात्रि के आठवें दिन होती है महाष्टमी, इस दिन करें महागौरी की पूजा और करें आरती
Navratri 2020 Maa Mahagauri Puja: नवरात्रि के आठवें दिन होती है महाष्टमी, इस दिन करें महागौरी की पूजा

Durga Ashtami 2020 Maa Mahagauri Puja: आज नवरात्रि के आठवें दिन महागौरी की पूजा की जाती है। यह मां दुर्गा का आठवां स्वरूप है। इसे महाष्टमी या दुर्गाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन महागौरी की पूजा करने से व्यक्ति के सभी पाप खत्म हो जाते हैं। मां पार्वती ने अपने रंग के लिए कई वर्षों तक कठोर तपस्या की थी जिसके बाद उन्हें गौर वर्ण मिला था। इसी के चलते वह महागौरी कहलाईं। कहा जाता है कि महागौरी की पूजा महाष्टमी के दिन करने से व्यक्ति को सौभाग्य की प्राप्ति होती है। महाष्टमी के दिन लोग अपने घर में कन्या पूजन भी करते हैं। आइए जानते हैं महागौरी की पूजी विधि, आरती और मंत्र।

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इस तरह करें महागौरी की पूजा:

इस दिन स्नानादि कर पीले वस्त्र पहनें। फिर मां के सामने दीपक जलाएं। महागौरी का ध्यान करें। मां को सफेद व पीले पुष्प बेहद प्रिय हैं। ऐसे में उन्हें यही अर्पित करें। फिर मंत्रों का जाप करें। इसके बाद मध्य रात्रि में इनकी पूजा करें। इस दिन कन्याओं को खाना भी खिलाया जाता है। कहा जाता है कि 2 वर्ष से लेकर 10 वर्ष तक की कन्या को ही पूजा जाना चाहिए। इस दिन मां की आराधना करने से व्यक्ति के जीवन के सभी दुख दूर हो जाते हैं।

मां महागौरी बीज मंत्र:

श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:।

महागौरी मंत्र:

माहेश्वरी वृष आरूढ़ कौमारी शिखिवाहना।

श्वेत रूप धरा देवी ईश्वरी वृष वाहना।।

ओम देवी महागौर्यै नमः।

महागौरी माता की आरती:

जय महागौरी जगत की माया।

जया उमा भवानी जय महामाया।।

हरिद्वार कनखल के पासा।

महागौरी तेरा वहां निवासा।।

चंद्रकली और ममता अंबे।

जय शक्ति जय जय मां जगदंबे।।

भीमा देवी विमला माता।

कौशिकी देवी जग विख्याता।।

हिमाचल के घर गौरी रूप तेरा।

महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा।।

सती ‘सत’ हवन कुंड में था जलाया।

उसी धुएं ने रूप काली बनाया।।

बना धर्म सिंह जो सवारी में आया।

तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया।।

तभी मां ने महागौरी नाम पाया।

शरण आनेवाले का संकट मिटाया।।

शनिवार को तेरी पूजा जो करता।

मां बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता।।

भक्त बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो।

महागौरी मां तेरी हरदम ही जय हो।।


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