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Nag Panchami 2020 Aarti: पंचमी पर करें नाग देवता की आरती, इन मंत्रों के जाप से मिलता है विशेष फल

Nag Panchami 2020 आज श्रावण शुक्ल पंचमी है। आज नाग पंचमी पूरे देश में मनाई जा रही है। आज सापों के 12 स्वरूपों की आराधना की जाती है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Fri, 24 Jul 2020 07:00 AM (IST)Updated: Sat, 25 Jul 2020 12:54 PM (IST)
Nag Panchami 2020 Aarti: पंचमी पर करें नाग देवता की आरती, इन मंत्रों के जाप  से मिलता है विशेष फल
Nag Panchami 2020 Aarti: पंचमी पर करें नाग देवता की आरती, इन मंत्रों के जाप से मिलता है विशेष फल

Nag Panchami 2020: आज श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है, आज पूरे देश में नाग पंचमी हर्षोल्लास के साथ मना जा रही है। इस दिन सापों के 12 स्वरूपों की आराधना की जाती है। नागों का अभिषेक दूध से किया जाता है। श्रावण मास में सापों की पूजा करना सौभाग्य की बात कही जा सकती है क्योंकि सांप शिव शंकर के गले में रहते हैं। इसी के चलते नाग पंचमी के त्यौहार को विशेष माना जाता है। कहा जाता है कि अगर इस दिन सच्चे मन और पूरी श्रद्धा से नागों की पूजा-अर्चना की जाए तो शिव शंकर प्रसन्न होकर मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। नाग पंचमी पर अगर इनकी आरती की जाए और मंत्रों का जाप किया जाए तो विशेष फल प्राप्त होता है। तो चलिए सबसे पहले पढ़ते हैं नाग देवता की आरती।

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नाग देवता की आरती:

आरती कीजे श्री नाग देवता की, भूमि का भार वहनकर्ता की।

उग्र रूप है तुम्हारा देवा भक्त, सभी करते है सेवा ।।

मनोकामना पूरण करते, तन-मन से जो सेवा करते।

आरती कीजे श्री नाग देवता की , भूमि का भार वहनकर्ता की ।।

भक्तों के संकट हारी की आरती कीजे श्री नागदेवता की।

आरती कीजे श्री नाग देवता की, भूमि का भार वहनकर्ता की ।।

महादेव के गले की शोभा ग्राम देवता मै है पूजा।

श्ररेत वर्ण है तुम्हारी धव्जा ।।

दास ऊकार पर रहती क्रपा सहसत्रफनधारी की।

आरती कीजे श्री नाग देवता की, भूमि का भार वहनकर्ता की ।।

आरती कीजे श्री नाग देवता की, भूमि का भार वहनकर्ता की ।।

नागपंचमी मंत्र:

1.ॐ भुजंगेशाय विद्महे, सर्पराजाय धीमहि, तन्नो नाग: प्रचोदयात्।।

2.सर्वे नागा: प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथ्वीतले। ये च हेलिमरीचिस्था ये न्तरे दिवि संस्थिता:।।

3.ये नदीषु महानागा ये सरस्वतिगामिन:। ये च वापीतडागेषु तेषु सर्वेषु वै नम:।।

4.अनंत वासुकी शेषं पद्मनाभं च मंगलम्शं खपालं ध्रतराष्ट्रकंच तक्षकं कालियं तथा।।

5.ॐ हँ जू स: श्री नागदेवतायेनमोनम:।।

6.ॐ श्री भीलट देवाय नम:।।

नोट: ध्यान रहे कि मंत्रों का उच्चारण एकदम सही होना चाहिए। 


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