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Mokshada Ekadashi 2019: रविवार को इस मुहूर्त में करें मोक्षदा एकादशी व्रत, भगवान विष्णु से मिलेगा यह आशीर्वाद

Mokshada Ekadashi 2019 मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोक्षदा एकादशी कहा जाता है। इस वर्ष यह 08 दिसंबर दिन रविवार को है।

By Kartikey TiwariEdited By: Published: Fri, 06 Dec 2019 12:42 PM (IST)Updated: Fri, 06 Dec 2019 12:42 PM (IST)
Mokshada Ekadashi 2019: रविवार को इस मुहूर्त में करें मोक्षदा एकादशी व्रत, भगवान विष्णु से मिलेगा यह आशीर्वाद
Mokshada Ekadashi 2019: रविवार को इस मुहूर्त में करें मोक्षदा एकादशी व्रत, भगवान विष्णु से मिलेगा यह आशीर्वाद

Mokshada Ekadashi 2019: मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोक्षदा एकादशी कहा जाता है। इस वर्ष यह 08 दिसंबर दिन रविवार को है। मोक्षदा एकादशी को मानस रोग निवरिणी एकादशी, मोक्षदायिनी एकादशी, मोहनाशक एकादशी, शुद्धा एकादशी आदि नामों से जाना जाता है। मोक्षदा एकादशी को भगवान विष्णु की पूजा अर्चना की जाती है। व्रत रखने से सभी मानसिक रोग और कष्ट मिटते हैं, सभी पाप नष्ट होते हैं। मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को ही श्रीकृष्ण ने गीता का उपदेश दिया था, इसलिए हर वर्ष इस तिथि को गीता जयंती भी मनाई जाती है। इस दिन लोग गीता जयंती का व्रत भी रखते हैं और भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करते हैं।

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मोक्षदा एकादशी का महत्व

मोह-माया ही सभी रोगों की जड़ है। इससे ही मनुष्य के अंदर कई प्रकार की बीमारियां पैदा होती हैं। मोक्षदा एकादशी का व्रत रखने से कई तर​ह के मानसिक रोग दूर होते हैं। पद्म पुराण में बताया गया है कि मोक्षदा एकादशी पापों का नाश करने वाली है।

मोक्षदा एकादशी व्रत मुहूर्त

मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का प्रारंभ 07 दिसंबर दिन शनिवार को सुबह 06 बजकर 34 मिनट पर हो रहा है, जो 08 दिसंबर दिन रविवार को सुबह 08 बजकर 29 मिनट तक है। एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि में सूर्योदय के बाद होता है। ऐसे में मोक्षदा एकादशी का व्रत 08 दिसंबर रविवार को रखा जाएगा और पारण 09 दिसंबर दिन सोमवार को होगा।

पारण का समय

मोक्षदा एकादशी का व्रत रखने वाले व्यक्ति के लिए पारण का समय 09 दिसंबर दिन सोमवार को सुबह 07 बजकर 02 मिनट से सुबह 09 बजकर 07 मिनट तक है। पारण द्वादशी का समापन 09 बजकर 54 मिनट पर है।

मोक्षदा एकादशी व्रत विधि

एकादशी के दिन प्रात:काल में उठकर दैनिक क्रियाओं से निवृत हो जाएं। इसके बाद स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। अब मोक्षदा एकादशी व्रत का संकल्प लें। फिर भगवान विष्णु की प्रतिमा पूजा स्थल पर स्थापित करें। इसके बाद उनकी विधिपूर्वक पूजा अर्चना करें।

इस दिन गीता जयंती के अवसर पर भगवान श्रीकृष्ण की भी विधि विधान से पूजा करें। आज के दिन श्रीमदभगवत् गीता का पाठ करने से उत्तम फल की प्राप्ति होती है। मोक्षदा एकादशी करने से व्यक्ति सांसारिक मो​ह माया के बंधनों से मुक्त हो जाता है।


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