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May Month Rohini Vrat 2020: आज है रोहिणी व्रत, जानें-वासुपूज्य स्वामी की पूजा विधि और व्रत लाभ

जैन धर्म में मान्यता है कि इस व्रत को करने से न केवल पति की आयु लंबी होती है बल्कि घर से दुःख एवं संकट भी दूर हो जाते हैं।

By Umanath SinghEdited By: Published: Sat, 23 May 2020 06:00 AM (IST)Updated: Sat, 23 May 2020 06:18 PM (IST)
May Month Rohini Vrat 2020: आज है रोहिणी व्रत, जानें-वासुपूज्य स्वामी की पूजा विधि और व्रत लाभ
May Month Rohini Vrat 2020: आज है रोहिणी व्रत, जानें-वासुपूज्य स्वामी की पूजा विधि और व्रत लाभ

दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। May Month Rohini Vrat 2020: आज रोहिणी व्रत है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, 27 नक्षत्र है। इनमें एक नक्षत्र रोहिणी है। यह नक्षत्र हर महीने के 27 वें दिन पड़ता है। इस दिन जैन समुदाय के लोग रोहिणी व्रत करते हैं, जिसमें जैन धर्म के बारहवें तीर्थंकर भगवान वासुपूज्य स्वामी की पूजा उपासना की जाती है। खासकर स्त्रियां यह व्रत अपने सुहाग के लिए करती हैं। जैन धर्म में ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से न केवल पति की आयु लंबी होती है, बल्कि घर से दुःख एवं संकट भी दूर हो जाते हैं। इस व्रत को पुरुष भी कर सकते हैं, लेकिन महिलाओं के लिए यह व्रत करना अनिवार्य है।

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रोहिणी व्रत महत्व

जैन ग्रंथों में लिखा है कि इस व्रत को करने से धन-धान्य का आगमन होता है। परमपूज्य भगवान वासुपूज्य स्वामी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही भगवान, व्यक्ति की गलतियों को भी क्षमा कर देते हैं। जैन धर्म की स्त्रियां इस दिन विशेष पूजा-अर्चना करती हैं। इस व्रत का प्रतिफल वट सावित्री व्रत के समतुल्य है।

रोहिणी व्रत कैसे करें

इस व्रत को कम से कम 5 महीने और अधिक से अधिक 5 साल तक करना चाहिए। एक साल में बारह रोहिणी व्रत पड़ते हैं। एक बार जब आप व्रत की शुरुआत करें तो व्रत का उद्यापन जरूर करें। आप अपनी क्षमता अनुसार इस व्रत को कर सकते हैं।

इस दिन दान करने का भी विधान है

रोहिणी व्रत इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान-ध्यान से निवृत होकर व्रत संकल्प लें। इसके पश्चात, भगवान वासुपूज्य स्वामी की पूजा फल, फूल, दूर्वा आदि से करें। इसके लिए आप पूजा घर में भगवान वासुपूज्य स्वामी की प्राण प्रतिष्ठा जरूर करें। दिन भर उपवास रखें। सूर्योदय से पूर्व प्रार्थना कर फलाहार करें। अगले दिन नित्य दिनों की तरह पूजा पाठ संपन्न कर व्रत खोलें। इस दिन दान करने का भी विधान है।


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