Move to Jagran APP

Mauni Amavasya 2020 Puja Vidhi: मौनी अमावस्या को इस विधि से करें पूजा, जानें क्यों रखते हैं मौन व्रत

Mauni Amavasya 2020 Puja Vidhi माघी अमावस्या या मौनी अमावस्या माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को होता है।

By Kartikey TiwariEdited By: Published: Wed, 22 Jan 2020 07:00 AM (IST)Updated: Fri, 24 Jan 2020 08:37 AM (IST)
Mauni Amavasya 2020 Puja Vidhi: मौनी अमावस्या को इस विधि से करें पूजा, जानें क्यों रखते हैं मौन व्रत
Mauni Amavasya 2020 Puja Vidhi: मौनी अमावस्या को इस विधि से करें पूजा, जानें क्यों रखते हैं मौन व्रत

Mauni Amavasya 2020 Puja Vidhi: माघी अमावस्या या मौनी अमावस्या माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को होता है। इस बार यह 24 जनवरी को है। इस दिन गंगा स्नान करने का बड़ा ही महत्व है। मान्यता है कि इस समय गंगा का जल अमृत के समान होता है। गंगा स्नान के बाद दान पुण्य किया जाता है और भगवान विष्णु तथा पीपल के वृक्ष की पूजा की जाती है। मौनी अमावस्या के दिन पूरे व्रत काल में मौन रहा जाता है।

loksabha election banner

मौनी अमावस्या: पूजा मुहूर्त

इस मास की अमावस्या तिथि का प्रारंभ: 24 जनवरी दिन शुक्रवार को तड़के 02:17 बजे से।

अमावस्या तिथि का समापन: 25 जनवरी दिन शनिवार को तड़के 03 बजकर 11 मिनट पर।

पूजा विधि

मौनी अमावस्या के दिन गंगा स्नान के बाद मौन व्रत का संकल्प लेना चाहिए। भगवान विष्णु की प्रतिमा का पीले फूल, केसर, चंदन, घी का दीपक और प्रसाद के साथ पूजन करें।भगवान का ध्यान करने के बाद विष्णु चालीस या विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। फिर किसी ब्राह्मण को दान दक्षिणा देना चाहिए। मंदिर में दीप दान करके, सांयकाल धूप-दीप से आरती अवश्य करें। इसके पश्चात श्रीहरि विष्णु को पीले मीठे पकवान का भोग लगाएं। गाय को मीठी रोटी या हरा चारा खिलाने के बाद व्रत खोलें।

Mauni Amavasya Date 2020: इस दिन है मौनी अमावस्या, ऐसा करने से बढ़ेगा आपका सौभाग्य

पीपल की पूजा

भगवान विष्णु की पूजा के दौरान पीपल के वृक्ष की भी पूजा करें और उसकी परिक्रमा करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पीपल के जड़ में भगवान विष्णु, तने में शिवजी तथा अग्रभाग में ब्रह्माजी का वास होता है। पीपल की पूजा से सौभाग्य की वृद्धि होती है तथा घर धन-धान्य से भर जाता है।

मौन रखने का महत्व

मौनी अमावस्या के दिन मौन धारण करके व्रत समापन करने से मुनि पद की प्राप्ति होती है। इस दिन मौन व्रत रखकर मन को संयम में रखने का विधान बनाया गया है। इससे मनोबल बढ़ता है।

आमवस्या को हुआ था शनिदेव का जन्म

इस वर्ष की मौनी अमावस्या विशेष है। इस दिन सुबह 9 बजकर 56 मिनट पर शनि राशि परिवर्तन करके अपनी राशि मकर में प्रवेश करेंगे। इसके साथ अमावस्या को शनिदेव का जन्म भी हुआ था।

- ज्योतिषाचार्य पं राजीव शर्मा, बालाजी ज्योतिष संस्थान, बरेली


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.