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Masik Shivratri 2021: आज है चैत्र ​मासिक शिवरात्रि, जानें पूजा मुहूर्त, तिथि एवं महत्व

Masik Shivratri 2021 हिन्दू कैलेंडर के अनुसार प्रत्येक मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। शिवरात्रि के दिन देवों के देव महादेव की विधि विधान से पूजा की जाती है। उनके साथ ही माता पार्वती की भी आराधना होती है।

By Kartikey TiwariEdited By: Published: Tue, 06 Apr 2021 11:30 AM (IST)Updated: Sat, 10 Apr 2021 08:44 AM (IST)
Masik Shivratri 2021: आज है चैत्र ​मासिक शिवरात्रि, जानें पूजा मुहूर्त, तिथि एवं महत्व
Masik Shivratri 2021: आज है चैत्र ​मासिक शिवरात्रि, जानें पूजा मुहूर्त, तिथि एवं महत्व

Masik Shivratri 2021: हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, प्रत्येक मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। इस समय चैत्र मास चल रहा है, ऐसे में चैत्र की मासिक शिवरात्रि आज 10 मार्च दिन शनिवार को है। शिवरात्रि के दिन देवों के देव महादेव की विधि विधान से पूजा की जाती है। उनके साथ ही माता पार्वती की भी आराधना होती है क्योंकि शिव और शक्ति एक दूसरे के बिना अधूरे हैं। जागरण अध्यात्म में आज हम जानते हैं कि चैत्र शिवरात्रि की तिथि कब से प्रारंभ हो रही है, मासिक शिवरात्रि की पूजा का मुहूर्त क्या है और इसका महत्व क्या है।

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चैत्र मासिक शिवरात्रि 2021 तिथि

चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ 10 अप्रैल दिन शनिवार को प्रात: 04 बजकर 27 मिनट पर हो रहा है, जो अगले दिन 11 अप्रैल दिन रविवार को प्रात: 06 बजकर 03 मिनट तक है। शिवरात्रि की पूजा रात्रि प्रहर में ही की जाती है, ऐसे में 10 अप्रैल को ही रात्रि पूजा का समय प्राप्त हो रहा है, इसलिए चैत्र मास की मासिक शिवरात्रि 10 अप्रैल को ही है। इस दिन ही व्रत रखा जाएगा और पूजा की जाएगी।

चैत्र मासिक शिवरात्रि 2021 पूजा मुहूर्त

चैत्र मासिक शिवरात्रि की पूजा के लिए आपको 45 मिनट का समय प्राप्त होगा। आप रात्रि प्रहर में 11 बजकर 59 मिनट से देर रात 12 बजकर 45 मिनट के मध्य पूजा कर सकते हैं। यह शिवरात्रि की पूजा के लिए उत्तम समय है। इस दौरान भगवान शिव को बेलपत्र, भांग, धतूरा, मदार, चंदन, फूल, शहद आदि जरूर अर्पित करें।

शिवरात्रि का महत्व

शिवरात्रि का हिन्दू धर्म में एक विशेष महत्व है। पौराणिक मान्यताओं के आधार पर इस दिन भगवान शिव ने साकार स्वरूप धारण किया था। इस दिन ही भगवान शिव और माता पार्वती परिणय सूत्र में बंधे थे। शिवरात्रि को भगवान शिव और माता पार्वती का महामिलन हुआ था। इस वजह से ही शिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। कहा जाता है शिवरात्रि के दिन पूजा करने से भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं।


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