Mangala Gauri Vrat : जानिये कब शुरू होगा मंगला गौरी व्रत? जानें तिथि, पूजा विधि एवं महत्व
Mangala Gauri Vrat सावन में मंगलवार के दिन माता मंगला गौरी की पूजा से अखंड सौभाग्यवती का फल मिलता है। मंगलवार दिन सुहागन महिलाएं मां गौरी को प्रसन्न करने के लिए इस व्रत का पालन करती हैं।
Mangala Gauri Vrat : सावन माह का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। जिस तरह यह माह भगवान शिव को प्रिय है उसी तरह यह माह माता पार्वती को भी प्रिय है। जैसे सावन मास के प्रत्येक सोमवार को शिव के पूजा का महत्व है उसी तरह सावन के प्रत्येक मंगलवार को माता गौरी की पूजा की जाती है। सावन में मंगलवार के दिन माता मंगला गौरी की पूजा से अखंड सौभाग्यवती का फल मिलता है। मंगलवार दिन सुहागन महिलाएं मां गौरी को प्रसन्न करने के लिए इस व्रत का पालन करती हैं। इसे सुहागिन महिलाएं पूरे विधि विधान से करती हैं। आईये जानते हैं कब-कब है यह व्रत और इसके महत्व
कब-कब है मंगला गौरी व्रत
पहला मंगला गौरी व्रत : 27 जुलाई 2021
दूसरा मंगला गौरी व्रत : 3 अगस्त 2021
तीसरा मंगला गौरी व्रत :10 अगस्त 2021
चौथा मंगला गौरी व्रत : 17 जुलाई 2021
मंगली गौरी व्रत पूजन विधि
इस दिन व्रती को सूर्योदय से पहले जागना चाहिए। सुबह जल्दी उठकर दैनिक कार्य से निवृत होकर स्नान करें। उसके बाद साफ सुथरे और धुले हुए या नए कपड़ा पहनना चाहिए। व्रत संकल्प लेने वाली सुहागिनों को इस दिन एक ही समय अन्य ग्रहण करके पूरे दिन माता पार्वती की पूजा अराधना की जाती है। एक लकड़ी के तख्त पर लाल कपड़ा बिछाकर उसपर मंगला गौरी की प्रतिमा को प्रतिष्ठान करना चाहिए।
मंगला गौरी व्रत पूजन का महत्व
मंगला गौरी व्रत का पालन करने से व्रती को अखंड सौभाग्यवती का आशीर्वाद मिलता है। इस व्रत से संतानप्राप्ति की मनोकामना पूर्ण हो जाती है। सुहागिन महिलाओं के जीवन में जो भी दुख होता है मां पार्वती की कृपा से सब दूर हो जाता है। इससे व्रती के जीवन में खुशहाली, सुख, समृद्धि का आगमन होता है। परंतु हमें इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि व्रत पूरी श्रद्धा और निश्छल भाव से करनी चाहिए।
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