Mahashivratri Does and Don'ts: भगवान शिव की पूजा में ध्यान रखें ये 10 बातें, वरना निष्फल हो जाएगा व्रत
Mahashivratri Does Donts महाशिवरात्रि पूजा और व्रत के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। यदि हम इन बातों का ध्यान नहीं रखेंगे तो व्रत और पूजा का फल प्राप्त नहीं होगा।
Mahashivratri Does & Don'ts: महाशिवरात्रि का दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने का सबसे उत्तम दिन है। महाशिवरात्रि के व्रत और पूजा से भगवान शिव आसानी से प्रसन्न हो जाते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। कहा जाता है कि भगवान शिव सच्चे मन से जल अर्पित कर देने मात्र से ही प्रसन्न हो जाते हैं, लेकिन हमें उनकी पूजा और व्रत के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। यदि हम इन बातों का ध्यान नहीं रखेंगे, तो व्रत और पूजा का फल प्राप्त नहीं होगा।
महाशिवरात्रि को शिव पूजा में ध्यान रखने वाली बातें
1. भगवान शिव को बेलपत्र प्रिय है। महाशिवरात्रि के दिन पूजा के समय भगवान शिव को बेलपत्र अवश्य अर्पित करें। यदि आपके पास बेलपत्र नहीं है, तो मंदिर में चढ़ाए गए बेलपत्र को पानी से धोकर भगवान शिव को अर्पित कर सकते हैं। ऐसा करने से भी आपको पूर्ण फल प्राप्त होगा। बेलपत्र कभी अशुद्ध नहीं होता है। बेलपत्र में तीन पत्तियां होनी चाहिए।
2. भगवान शिव की पूजा में भांग, धतूरा, मदार का होनी जरूरी माना गया है। पूजा में उनको ये चीजें अर्पित करें।
3. भगवान शिव को श्वेत रंग प्रिय है। पूजा के समय आप श्वेत वस्त्र पहनें, उनको श्वेत पुष्प अर्पित करें। लाल वस्त्र का प्रयोग वर्जित है, इसलिए उनको सिंदूर, रोली, कुमकुमा आदि अर्पित न करें।
4. भोलेनाथ को पूजा में केसर, केतकी, चमेली, जूही, चंपा आदि का फूल तथा तिल कभी भी अर्पित नहीं करना चाहिए।
5. भगवान भोलेनाथ की पूजा में शंख का प्रयोग न करें क्योंकि उन्होंने शंखचूड़ नामस राक्षस का वध किया था। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, उसके भस्म होने के बाद उसकी हड्डियों से शंख बना था।
6. भगवान शंकर को दूर्वा अर्पित करें, यह शुभ होता है।
7. शिव जी को हल्दी न चढ़ाएं। हल्दी का प्रयोग सौंदर्य प्रसाधन में होता है। शास्त्रों के अनुसार, शिवलिंग पुरुषत्व का प्रतीक है, इस कारण से शिव जी को हल्दी अर्पित नहीं करते हैं।
8. पूजा के दौरान आप भगवान शिव की पूरी परिक्रमा न करें। शिव पूजा में केवल आधी परिक्रमा की जाती है। भगवान गणेश की तीन बार परिक्रमा करें।
9. देवों के देव महादेव की पूजा में भस्म, त्रिपुण्ड और रूद्राक्ष माला का होना अनिवार्य है। जब आप पूजा करने जाएं तो इसे शरीर पर धारण करें।
10. महाशिवरात्रि के दिन व्रत का संकल्प करने के लिए एवं पूजा के लिए हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा में मुख करके बैठें।
11. भगवान शिव को नारियल पानी अर्पित नहीं किया जाता है। नारियल को लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है।
12. शिव जी पूजा में तुलसी का प्रयोग नहीं होता है। असुरराज जलंधर की पत्नी वृंदा तुलसी बन गई थी। शंकर जी ने जलंधर का वध किया था। इससे क्रोधित होकर वृंदा ने भगवान शिव की पूजा में तुलसी के पत्तों का प्रयोग न करने की बात कही थी।