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Maa Siddhidatri Aarti: आज महानवमी पर करें मां सिद्धिदात्री की आरती, पूरी होंगी सभी मनोकामनाएं

Maa Siddhidatri Aarti आज शारदीय नवरात्रि की नवमी तिथि है जिसे दुर्गा नवमी या महानवमी कहा जाता है। आज आप महानवमी का व्रत हैं कन्या पूजन और हवन करने वाले हैं तो आपको आज पूजा के समय मां सिद्धिदात्री की आरती और उनके मंत्रों का जाप भी करना चाहिए।

By Kartikey TiwariEdited By: Published: Thu, 14 Oct 2021 07:54 AM (IST)Updated: Thu, 14 Oct 2021 08:19 AM (IST)
Maa Siddhidatri Aarti: आज महानवमी पर करें मां सिद्धिदात्री की आरती, पूरी होंगी सभी मनोकामनाएं
Maa Siddhidatri Aarti: आज महानवमी पर करें मां सिद्धिदात्री की आरती, पूरी होंगी सभी मनोकामनाएं

Maa Siddhidatri Aarti: आज शारदीय नवरात्रि की नवमी तिथि है, जिसे दुर्गा नवमी या महानवमी कहा जाता है। इस दिन मां दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरुप की आराधना करते हैं। महानवमी को कन्या पूजन और हवन का भी विधान है। आज आप महानवमी का व्रत हैं, कन्या पूजन और हवन करने वाले हैं, तो आपको आज पूजा के समय मां सिद्धिदात्री की आरती और उनके मंत्रों का जाप भी करना चाहिए। आइए जानते हैं मां सिद्धिदात्री की आरती एवं मंत्रों के बारे में।

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मां सिद्धिदात्री की आरती

जय सिद्धिदात्री मां, तू सिद्धि की दाता।

तू भक्तों की रक्षक, तू दासों की माता।

तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धि।

तेरे नाम से मन की होती है शुद्धि।

कठिन काम सिद्ध करती हो तुम।

जभी हाथ सेवक के सिर धरती हो तुम।

तेरी पूजा में तो ना कोई विधि है।

तू जगदम्बे दाती तू सर्व सिद्धि है।

रविवार को तेरा सुमिरन करे जो।

तेरी मूर्ति को ही मन में धरे जो।

तू सब काज उसके करती है पूरे।

कभी काम उसके रहे ना अधूरे।

तुम्हारी दया और तुम्हारी यह माया।

रखे जिसके सिर पर मैया अपनी छाया।

सर्व सिद्धि दाती वह है भाग्यशाली।

जो है तेरे दर का ही अम्बे सवाली।

हिमाचल है पर्वत जहां वास तेरा।

महा नंदा मंदिर में है वास तेरा।

मुझे आसरा है तुम्हारा ही माता।

भक्ति है सवाली तू जिसकी दाता।

मां सिद्धिदात्री बीज मंत्र

ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम:।

मां सिद्धिदात्री प्रार्थना मंत्र

सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।

सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।

मां सिद्धिदात्री स्तुति मंत्र

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।

मां सिद्धिदात्री पूजा मंत्र

ओम देवी सिद्धिदात्र्यै नमः।

अमल कमल संस्था तद्रज:पुंजवर्णा, कर कमल धृतेषट् भीत युग्मामबुजा च।

मणिमुकुट विचित्र अलंकृत कल्प जाले; भवतु भुवन माता संत्ततम सिद्धिदात्री नमो नम:।

डिस्क्लेमर

''इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्म ग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारी आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।''


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