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Mahashivratri Puja 2019: जाने क्या है शिव पूजा में इस्तेमाल होने वाली सामग्रियों का मतलब

सोमवार 4 मार्च 2019 को महा शिवरत्रि का पर्व मनाया जायेगा। एेसे में पंडित दीपक पांडे से जानें शिव पूजन में इस्तेमाल होने वाली सामग्रियों के अर्थ के बारे में।

By Molly SethEdited By: Published: Sat, 02 Mar 2019 05:07 PM (IST)Updated: Mon, 04 Mar 2019 04:27 PM (IST)
Mahashivratri Puja 2019: जाने क्या है शिव पूजा में इस्तेमाल होने वाली सामग्रियों का मतलब
Mahashivratri Puja 2019: जाने क्या है शिव पूजा में इस्तेमाल होने वाली सामग्रियों का मतलब

विभिन्न वस्तुआें से अभिषेक

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Mahashivratri Puja 2019: महा शिवरात्रि के पावन पर्व पर भगवान शिव का अभिषेक अनेक प्रकार से किया जाता है। जिसमें जलाभिषेक जल से, दुग्‍धाभिषेक दूध से सहित गुड़ युक्त जल से, तीर्थ स्थलों की नदियों के पवित्र जल से , गन्ने के रस से, विभिन्न पुष्पों के रस से आैर दही से अभिषेक कर सकते हैं। अनेक भक्त सूर्योदय के समय पवित्र नदियों जैसे गंगा, यमुना, किसी पवित्र सरोवर आैर खजुराहो के शिव सागर आदि में स्नान भी करते हैं। यह शुद्धि के लिए अनुष्ठान माना जाता है। इस स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र पहन कर शिवलिंग को स्नान कराने के लिए मंदिरों में पानी का बर्तन ले जाते हैं। इस दिन सूर्य, विष्णु और शिव यानि त्रिदेवों की प्रार्थना होती है। पूजा के बाद शिवलिंग की तीन या सात बार परिक्रमा करने का भी विधान है। अंत में एक बार फिर शिवलिंग पर पानी या दूध चढ़ाते हैं।

हर सामग्री का अर्थ

शिव पुराण के अनुसार, महाशिवरात्रि पूजा में छह वस्तुओं को शामिल किया जाता है जिनका एक विशिष्ट अर्थ भी है। जो इस प्रकार हैं शिवलिंग का पानी, दूध और शहद के साथ अभिषेक करते हैं जो शिव को उनके कंठ में धारण किये गए विष को शीतल करने का प्रतीक हैं। उनको बेर आैर बेल के पत्ते चढ़ते हैं जो आत्मा की शुद्धि का प्रतिनिधित्व करते हैं। शिव को लगाया जाने वाला सिंदूर पुण्य का प्रतिनिधित्व करता है। फल चढाना दीर्घायु और इच्छाओं की संतुष्टि को दर्शाता है। धूप, अन्न, धन की अच्छी उपज के लिए जलार्इ जाती है। दीपक जो ज्ञान की प्राप्ति के लिए प्रज्जवलित किया जाता है। वहीं पान के पत्ते जो सांसारिक सुखों के साथ संतोष प्रदान करते हैं।

रुद्राभिषेक

भगवान शिव का पूजन व रुद्राभिषेक का विशेष महत्व है। रुद्राभिषेक करने से कार्य की सिद्धि शीघ्र होती है। धन की इच्छा रखने वाले व्यक्ति को स्फटिक शिवलिगं पर गोदुग्ध से, सुख समृद्धि की इच्छा रखने वाले व्यक्ति को गोदुग्ध में चीनी व मेवे के घोल से, शत्रु विनाश के लिए सरसों के तेल से, पुत्र प्राप्ति हेतु मक्खन या घी से, अभीष्ट की प्राप्ति हेतु गोघृत से तथा भूमि भवन एवं वाहन की प्राप्ति हेतु शहद से रुद्राभिषेक करना चाहिए।


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