शनिवार को शनिदेव के साथ होती है हनुमान जी की पूजा भी
शनिवार शनिदेव की पूजा का दिन होता है। इस दिन हनुमान जी की पूजा करने का भी विधान है इससे शनि शांत रहते हैं।
क्यों होता है शनिवार का व्रत
शनिवार का व्रत विशेष तौर पर न्याय और कर्म के देव माने जाने वाले शनि ग्रह की कुदृष्टि से बचने के लिए रखा जाता है। जो लोग हिन्दू ज्योतिष विद्या पर विश्वास रखते हैं केवल वही शनिवार का व्रत रखते हैं। ऐसा माना जाता है इसदिन व्रत करने से शनि की दृष्टि की वकृता कम होती है। साथ ही इस दिन हनुमान जी की पूजा करना भी लाभप्रद माना जाता है।
काले रंग का महत्व
शनि का रंग काला माना गया है इसलिए इस दिन काले वस्त्र पहनना शुभ होता है। इसके साथ ही शनिवार को काले कपड़ों और काले तिल का दान करना भी बहुत अच्छा माना जाता है। इस दिन शनिदेव की पूजा के साथ पीपल के पेड़ की भी पूजा की जाती है। शनिवार को शनिदेव पर तेल चढ़ाने और दान करने का भी अत्यंत महत्व होता है।
हनुमान और शनिदेव के मंत्र जपें
यूं तो शनिदेव को बहुत घातक माना जाता है। इसीलिए लोग शनिवार के दिन यात्रा का आरंभ करना शुभ नहीं मानते। इसके बावजूद यह भी कहा जाता है कि वे लोग जो हनुमान की अराधना करते हैं, शनिदेव उनको कष्ट नहीं पहुंचाते हैं। यही कारण है कि शनिवार को शनिदेव और भगवान हनुमान का दिन माना जाता है। इस दिन ‘ॐ हनुमते नमः’ का जाप करने से शारीरिक शक्ति बढ़ती है और शनि नियंत्रण में रहते हैं। इसके साथ शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए ‘ऊं शनिदेवाय नमः’ का जाप भी करना लाभकारी होता है।