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Ganesh Jayanti 2022: सुख और समृद्धि पाने के लिए गणेश जयंती के दिन ऐसे करें गजानन की पूजा

Ganesh Jayanti 2022 इस दिन मंदिर में मंत्रोउच्चारण कर भगवान गणेश का आह्वान किया जाता है। जबकि भक्त अपने घर में श्रद्धापूर्वक भगवान गणेश की पूजा करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद महीने में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को हुआ है।

By Pravin KumarEdited By: Published: Thu, 27 Jan 2022 08:30 AM (IST)Updated: Thu, 27 Jan 2022 08:30 AM (IST)
Ganesh Jayanti 2022: सुख और समृद्धि पाने के लिए गणेश जयंती के दिन ऐसे करें गजानन की पूजा
Ganesh Jayanti 2022: सुख और समृद्धि पाने के लिए गणेश जयंती के दिन ऐसे करें गजानन की पूजा

Ganesh Jayanti 2022: 4 फरवरी को गणेश जयंती है। हिंदी पंचांग के अनुसार, गणेश चतुर्थी की तिथि 4 फरवरी को प्रात: काल 4 बजकर 38 मिनट पर शुरु होकर अगले दिन यानी 5 फरवरी को देर रात 3 बजकर 47 मिनट पर समाप्त होगी। इस दिन भगवान श्रीगणेश की पूजा-उपासना विधि पूर्वक की जाती है। धार्मिक ग्रंथों में लिखा है कि भाद्रपद में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को भगवान श्री गणेश जी का जन्म हुआ है। अत: शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश जयंती मनाई जाती है।

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धार्मिक मान्यता है कि भगवान गणेश की पूजा करने से यश, कीर्ति और धन की प्राप्ति होती है। अगर आप भी बाप्पा की कृपा पाना चाहते हैं, चतुर्थी के दिन गणपति की पूजा ऐसे करें-

-धार्मिक मान्यता है कि महज अक्षत और दूर्वा से भी गणेश जी प्रसन्न हो जाते हैं। इसके लिए पूजा में अक्षत यानी चावल और दूर्वा (घास) जरूर शामिल करें।

-भगवान गणेश जी को पीला पुष्प और मोदक अति प्रिय है। अतः उन्हें पीले पुष्प और मोदक अवश्य भेंट करें।

-भगवान गणेश जी की कृपा पाने के लिए रोजाना दूर्वा अर्पित करें। एक चीज ध्यान रखें कि दूर्वा हमेशा गणेश जी के मस्तक पर अर्पित करें। इससे गणेश जी बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं।

-इस दिन पूजा-पाठ के पश्चात गरीबों और असहाय लोगों की सहायता अवश्य करें। इससे गणपति बप्पा प्रसन्न होते हैं और साधक की सभी मनोकामना पूर्ण करते हैं।

-अगर कोई व्यक्ति भगवान गणेश की निरंतर एकाग्रचित होकर पूजा करता है, तो उस साधक के जीवन में धैर्य का आगमन होता है। निम्न मंत्र का जाप करें।

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।

निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥

इस मंत्र का अर्थ है- हे प्रभु! आप विशालकाल शरीर वाले, सहस्त्र सूर्य के समतुल्य महान है। आप मेरे सभी विघ्नों को हर लें और सभी बिगड़े काम बना दें। अपनी कृपा मुझ पर बनाए रखें। इस मंत्र के जाप से व्यक्ति के सभी काम बन जाते हैं।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


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