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Sawan Ganesh Chaturthi: कब है सावन मास की गणेश चतुर्थी, जानें पूजा मुहूर्त एवं महत्व

Sawan Ganesh Puja सावन कृष्ण चतुर्थी के दिन गणेश की पूजा बहुत लाभकारी है। हिंदी पंचांग के अनुसार प्रत्येक महीने में दो चतुर्थी तिथि आती हैं। शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी और कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं।

By Ritesh SirajEdited By: Published: Fri, 23 Jul 2021 11:30 AM (IST)Updated: Fri, 23 Jul 2021 11:30 AM (IST)
Sawan Ganesh Chaturthi: कब है सावन मास की गणेश चतुर्थी, जानें पूजा मुहूर्त एवं महत्व
Sawan Ganesh Chaturthi: कब है सावन मास की गणेश चतुर्थी, जानें पूजा मुहूर्त एवं महत्व

Sawan Ganesh Chaturthi: सावन मास में गणेश चतुर्थी का महत्व बहुत बढ़ जाता है क्योंकि सावन मास गणेश जी के माता-पिता को अतिप्रिय है। जहां भगवान शिव की पूजा सोमवार को की जाती है, वहीं माता मंगला गौरी की पूजा सावन के प्रत्येक मंगलवार को किया जाता है। ऐसे में सावन कृष्ण चतुर्थी के दिन गणेश जी की पूजा बहुत लाभकारी है। हिंदी पंचांग के अनुसार, प्रत्येक महीने में दो चतुर्थी तिथि आती हैं। शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी और कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं। इस व्रत को करने से सुख, समृद्धि और यश प्राप्त होता है। गणपति संकट को दूर करते हैं इसलिए इस व्रत को करने से जीवन में कोई संकट नहीं आता है। आइये जानते हैं सावन में संकष्टी चतुर्थी की पूजा के महत्व।

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सावन संकष्टी चतुर्थी 2021 शुभ मुहूर्त

चतुर्थी तिथि का प्रारंभ: 27 जुलाई सुबह 02 बजकर 54 मिनट से

सपापन: 28 जुलाई सुबह 02 बजकर 29 मिनट तक

सावन संकष्टी चतुर्थी की व्रत विधि

1. प्रातःकाल उठकर स्नान करें।

2. इस दिन विशेष रूप से लाल रंग का वस्त्र धारण करना चाहिए।

3. घर के मंदिर की साफ-सफाई करनी चाहिए।

4. गंगाजल छिड़कर गणेश भगवान की मूर्ति रखें और दीप जलाएं।

5. दीप जलाकर इस व्रत का संकल्प करें।

6. पूजा के समय गणेश जी को सिंदूर लगा कर दूर्वा जरूर अर्पित करें।

7. गणेश की आरती करने के बाद मोदक का भोग लगाएं, जिससे श्री गणेश अति प्रसन्न होते हैं।

चतुर्थी पूजन सामग्री

संकष्टी चतुर्थी के पूजा में पंचामृत, चंदन, लाल गुड़हल का फूल, दूर्वा (दूभ), कुमकुम, अगरबत्ती और धूप आदि।

गजानन संकष्टी चतुर्थी का महत्व

गणेश जी को ज्ञान, बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य का देवता माना जाता है। संकट दूर करने की वजह इन्हें विघ्नहर्ता के रूप में पूजा जाता है। किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले सर्वप्रथम गणेश जी का पूजन किया जाता है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


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