संकष्टी चतुर्थी 2018 कृष्ण पक्ष में पड़ती है ये तिथि ऐसे करें पूजा
3 मई 2018 को जेठ माह की संकष्टी चतुर्थी पड़ रही है। इस दिन पूरी श्रद्धा के साथ भगवान गणेश की पूजा करने से शुभ फल प्राप्त होता है।
हर माह में गणपति की दो चतुर्थी
साल भर में हर हिंदी माह में दो बार चतुर्थी पड़ती है। इस दिन लोग प्रथम पूज्य भगवान गणेश की पूजा करते हैं। हिन्दू पंचांग के अनुसार गणेश चतुर्थी हर माह कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष में चौथे दिन आती है। शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी या अंगारकी चतुर्थी कहा जाता है जबकि कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं। कुछ लोग इसे संकट हारा चौथ के नाम से भी जानते हैं। इस दिन को दक्षिण भारत में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। मान्यता है कि ये व्रत सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक होता है।
संकष्टी चतुर्थी का महत्व
संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन का बेहद महत्व होता है। इस व्रत को चंद्र दर्शन के साथ पूर्ण करना अत्यंत शुभ होता है। इसके बाद ही व्रत पूरा माना जाता है। कहते हैं संकष्टी के दिन व्रत रखने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। सालभर में संकष्टी चतुर्थी के 13 व्रत रखे जाते हैं और हर व्रत के लिये एक अलग व्रत कथा भी होती है।
ऐसे करें पूजा
संकष्टी चतुर्थी के दिन सुबह स्नान कर के साफ वस्त्र पहने यदि वस्त्र लाल रंग के हों तो अति उत्तम होगा। इसके बाद भगवान गणेश को जल चढ़ायें और साफ वस्त्र धारण करायें। फिर उनकी धूप-दीप जला कर पूजा करें। गणपति को तिल से बने गुड़ के लड्डू तथा मोदक अत्यंत प्रिय हैं संभव हो तो उन्हीं का भोग लगाएं। इसके बाद शाम को संकष्टी गणेश चतुर्थी की संबंधित कथा पढ़ें या सुनें और फिर लम्बोदर की आरती करें। भगवान को प्रणाम करके मोदक का प्रसाद ग्रहण करें और चंद्रमा की जल चढ़ा कर पूजा करें इसके बाद सात्विक भोजन करें।