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Navratri Akhand Jyoti: नवरात्रि पर कैसे जलाएं अखंड ज्योति? जानें इसके नियम और महत्व

Navratri Akhand Jyoti आज 17 अक्टूबर से नवरात्रि शुरू हो रही है। कहा जाता है कि नवरात्रि में अखंड ज्योति जलानी चाहिए। इसका कारण बता रहे हैं ज्योतिषाचार्य अनीस व्यास। अखंड ज्योति में जलने वाला दीपक दिन-रात जलता रहता है।

By Kartikey TiwariEdited By: Published: Fri, 16 Oct 2020 11:45 AM (IST)Updated: Sat, 17 Oct 2020 11:30 AM (IST)
Navratri Akhand Jyoti: नवरात्रि पर कैसे जलाएं अखंड ज्योति? जानें इसके नियम और महत्व
कहा जाता है कि नवरात्रि में अखंड ज्योति जलानी चाहिए।

Navratri Akhand Jyoti: आज 17 अक्टूबर से नवरात्रि शुरू हो रही है। कहा जाता है कि नवरात्रि में अखंड ज्योति जलानी चाहिए। इसका कारण बता रहे हैं ज्योतिषाचार्य अनीस व्यास। अखंड ज्योति में जलने वाला दीपक दिन-रात जलता रहता है। मान्यता है कि अखंड दीपक व्रत की समाप्ति तक बुझना नहीं चाहिए। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, नवरात्रि के दौरान मां के समक्ष अखंड ज्योति जलाने के पीछे एक अहम वजह बताई जाती है। माना जाता है कि जिस तरह घोर अंधेरे में एक छोटा-सा दीपक विपरीत परिस्थितियों में रहकर अपने आस-पास का अंधेरा दूर कर उस जगह को रोशनी से भर देता है, उसी तरह माता के भक्त भी मां की आस्था के सहारे अपने जीवन के अंधकार को मिटा सकते हैं। 

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नवरात्रि की अखंड ज्योति जलाने का नियम

1. अखंड ज्योति जलाने के लिए हमेशा सामान्य से थोड़े बड़े आकार का दीपक पूजा के लिए चुनें। इसके लिए आप मिट्टी के दीपक का भी चुनाव कर सकते हैं।

2. पूजा के लिए मिट्टी और पीतल के दीपक को शुद्ध माना जाता है।

3. अखंड ज्योति का दीपक हमेशा किसी ऊंचे स्थान पर रखें। उसे कभी खाली जमीन पर नहीं रखना चाहिए।

4. पूजा के दीपक को जलाने से पहले उसे किसी ऊंचे स्थान जैसे पटरे या चौकी पर रखने से पहले उसमें गुलाल या रंगे हुए चावलों से अष्टदल बना लें।

5. नवरात्रि के दौरान व्रत रखने वाले बहुत कम ही लोग इस बात को जानते हैं कि अखंड ज्योति की बाती रक्षा सूत्र से बनाई जाती है।

6. इसके लिए सवा हाथ का रक्षा सूत्र लेकर उसे बाती की तरह बनाएं और फिर दीपक के बीचों-बीच रखें।

7. अखंड ज्योति जलाने के लिए घी, सरसों या तिल के तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है।

8. दीपक जलाते समय ध्यान रखें कि अगर आप घी का दीपक जला रहे हैं तो उसे देवी मां के दाहिने तरफ, अगर दीपक तेल का है तो उसे देवी मां के बाईं तरफ रखना चाहिए।

9. दीपक जलाने से पहले गणेश भगवान, मां दुर्गा और भगवान शिव का ध्यान अवश्य करें।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। '


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