Move to Jagran APP

Shukra Pradosh Vrat 2022: भगवान शिव की असीम कृपा पाने के लिए करें शुक्र प्रदोष व्रत, पूजा अर्चना में इन बातों का रखें विशेष ध्यान

Shukra Pradosh Vrat श्यामपार्क एक्सटेंशन स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर के पंडित रोशन झा ने बताया कि ज्येष्ठ कृष्ण त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 27 मई को सुबह 11 बजकर 47 मिनट पर हो रहा है जो कि 28 मई दोपहर 01 बजकर 09 मिनट तक रहेगी।

By Pradeep ChauhanEdited By: Published: Fri, 27 May 2022 03:41 PM (IST)Updated: Fri, 27 May 2022 04:02 PM (IST)
Shukra Pradosh Vrat 2022: भगवान शिव की असीम कृपा पाने के लिए करें शुक्र प्रदोष व्रत, पूजा अर्चना में इन बातों का रखें  विशेष ध्यान
प्रदोष काल का समय 27 मई शाम 07 बजकर 12 मिनट से रात 09 बजकर 14 मिनट तक रहेगा।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Shukra Pradosh Vrat : हर महीने आने वाला प्रदोष व्रत शुक्रवार के दिन ही आता है। भगवान आशुतोष की कृपा पाने का यह सबसे खास दिन होता है। इस दिन किए जाने वाले प्रदोष व्रत से सुख-समृद्वि और सौभाग्य का वरदान मिलता है। आज ज्‍येष्‍ठ कृष्‍ण द्वादशी-त्रयोदशी तिथि है। दोपहर 11 बजकर 47 मिनट पर त्रयोदशी तिथि आरंभ हो जाएगी। त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखने का विधान है।

loksabha election banner

आज शुक्रवार होने की वजह से यह शुक्र प्रदोष व्रत कहलाएगा। मान्‍यता है कि शाम को प्रदोष काल में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती है। शुक्र प्रदोष व्रत को करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। भगवान भोलेनाथ में आस्था रखने वाले भक्तों को यह प्रदोष व्रत रखने और विधि-विधान से पूजा अर्चना करने पर विशेष फल की प्राप्ति होती है।

वहीं, पंडितों के अनुसार य​ह व्रत उन लोगों को जरूर करना चाहिए, जिनके दांपत्‍य जीवन में किसी प्रकार की दिक्कत है। भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा से आपका वैवाहिक जीवन सुखमय होगा। पंडित के मुताबिक 27 मई शुक्रवार को सुबह से ही सौभाग्य योग प्रारंभ हो जाएगा, जो रात 10 बजकर 09 मिनट तक रहेगा। उसके बाद शोभन योग शुरू होगा। इसके अलावा आज सर्वार्थ सिद्धि योग भी बना हुआ है। ऐसे में इस दिन का महत्‍व और भी बढ़ जाता है।

पंडित ने बताया कि ज्येष्ठ कृष्ण त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 27 मई को सुबह 11 बजकर 47 मिनट पर हो रहा है, जो कि 28 मई दोपहर 01 बजकर 09 मिनट तक रहेगी। प्रदोष काल का समय 27 मई शाम 07 बजकर 12 मिनट से रात 09 बजकर 14 मिनट तक रहेगा। इसलिए शुभ मुहुर्त के हिसाब से इस दिन पूजा अर्चना करने पर साधक को विशेष फल की प्राप्ति होती है। पंडित ने बताय कि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और मां पार्वती का विधि-विधानपूर्वक पूजा अर्चना करनी चाहिए।

पूजा करते समय इन बातों का रखें ध्यान

सुबह सूर्योदय से पूर्व उठकर स्‍नान करें। साफ वस्‍त्र धारण करें और प्रदोष व्रत का संकल्‍प लें। प्रदोष काल में घर में पूजा के स्‍थान पर चौकी स्‍थापित कर साफ कपड़ा बिछाएं। भगवान शिव व मां पार्वती जी की प्रतिमा या तस्‍वीर स्‍थापित करें। घी का दीप जलाते हुए कलश स्‍थापित करें। भगवान को गंगाजल से स्‍नान कराएं। उनकी पंचोपचार (कुंकुम, चावल, रोली, अबीर, गुलाल) पूजा करें। पुष्‍प, नैवेद्य अर्पित करे। भगवान शिव की आरती करें।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.