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Jaya Ekadashi Puja Vidhi: जया एकादशी पर इस तरह करें विष्णु जी की पूजा

Jaya Ekadashi Puja Vidhi आज जया एकादशी है। आज के दिन भगवान विष्णु की पूजा पूरे विधि-विधान के साथ के की जाती है। हर वर्ष माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को जय एकादशी मनाई जाती है। यह सभी व्रतों में श्रेष्ठतम माना जाता है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Tue, 23 Feb 2021 08:46 AM (IST)Updated: Tue, 23 Feb 2021 08:46 AM (IST)
Jaya Ekadashi Puja Vidhi: जया एकादशी पर इस तरह करें विष्णु जी की पूजा
Jaya Ekadashi Puja Vidhi: जया एकादशी पर इस तरह करें विष्णु जी की पूजा

Jaya Ekadashi Puja Vidhi: आज जया एकादशी है। आज के दिन भगवान विष्णु की पूजा पूरे विधि-विधान के साथ के की जाती है। हर वर्ष माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को जय एकादशी मनाई जाती है। यह सभी व्रतों में श्रेष्ठतम माना जाता है। इस व्रत और पूजा करने से न केवल भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है बल्कि मां लक्ष्मी की कृपा भी बनी रहती है। आइए जानते हैं जया एकादशी की पूजा विधि।

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जया एकादशी व्रत पूजा विधि-

1. इस दिन जो व्यक्ति व्रत कर रहा है तो उसे सुबह जल्दी उठ जाना चाहिए।

2. सभी नित्यकर्मों से निवृत्त हो स्नानादि कर लें और स्वच्छ वस्त्र पहन लें।

3. पूजा स्थल को अच्छे से साफ करें। एक चौकी लें और उस पर भगवान विष्णु और भगवान कृष्ण की मूर्ति, प्रतिमा या उनके चित्र स्थापित करें।

3. विष्णु जी और श्री कृष्ण जी की विधि-विधान से पूजा करें।

4. इस दौरान विष्णु सहस्रनाम का पाठ और भगवान कृष्ण के भजन अवश्य करें।

5.विष्णु जी और कृष्ण जी को प्रसाद, तुलसी जल, फल, नारियल, अगरबत्ती और फूल अर्पित करें।

6. विष्णु जी के मंत्रों का जाप विधिपूर्वक करें। इस पूरे दिन व्रती को भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए।

7. फिर पारण करने के लिए अगले दिन यानी द्वादशी तिथि पर पूजा करें। इसके बाद ही भोजन का सेवन करें।

जया एकादशी का शुभ मुहूर्त:

एकादशी तिथि प्रारम्भ- फरवरी 22, सोमवार शाम 05 बजकर 16 मिनट से

एकादशी तिथि समाप्त- फरवरी 23, मंगलवार शाम 06 बजकर 05 मिनट तक

जया एकादशी पारणा मुहूर्त- 24 फरवरी, बुधवार को सुबह 06 बजकर 51 मिनट से सुबह 09 बजकर 09 मिनट तक

अवधि: 2 घंटे 17 मिनट

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।' 


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