Jaya Ekadashi 2019 Vrat: भगवान विष्णु की अराधना से मिट जाते हैं सारे पाप, पिशाच योनि से मिलती है मुक्ति
Jaya Ekadashi 2019 Vrat भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को जया एकादशी या अजा एकादशी के नाम से जाना जाता है। आज 26 अगस्त दिन सोमवार को जया एकादशी है।
Jaya Ekadashi 2019 Vrat: भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को जया एकादशी या अजा एकादशी के नाम से जाना जाता है। आज 26 अगस्त दिन सोमवार को जया एकादशी है। इस दिन जगत के पालनहार भगवार श्रीहरि विष्णु की विधि विधान से पूजा की जाती है, प्रसन्न होकर वे अपने भक्तों के सभी कष्टों को हर लेते हैं। भक्त उनकी कृपा से सभी पापों से मुक्त हो जाते हैं।
जया एकादशी व्रत एवं पूजा विधि
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जया एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा अराधना करनी चाहिए। जो भी व्यक्ति जया एकादशी का व्रत रहते हैं, उनको एकादशी के दिन श्री हरि का ध्यान करके व्रत का संकल्प करना चाहिए।
स्नान के बाद पूजा स्थान पर भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें और धूप, दीप, चंदन, फल, तिल एवं पंचामृत से उनकी पूजा करें। दिनभर व्रत रखें और रात के समय भगवत जागरण करें। अगले दिन द्वादशी को पूजा पाठ के बाद दान करें और फिर पारण करें।
जया एकादशी व्रत का महत्व: पिशाच योनि से मुक्ति
हिंदू धर्म में एकादशी व्रत अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, एक बार युधिष्ठिर ने भगवान श्री कृष्ण से इस एकादशी के महत्व के बारे में पूछा। इस पर भगवान ने कहा कि यह जया एकादशी कहलाती है। यह बहुत ही पुण्यदायी और फलदायी होती है। जो भी जया एकादशी का व्रत करता है, उसे सभी नीच योनि अर्थात भूत, प्रेत, पिशाच की योनि से मुक्ति मिल जाती है।