Janmashtami 2022: देशभर में आज मनाया जा रहा दही हांडी का पर्व, जानें इसका महत्व
Janmashtami 2022 दही हांडी उत्सव गुजरात और महाराष्ट्र में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व भगवान श्री कृष्ण से संबंधित है जो जन्माष्टमी के दूसरे दिन मनाया जाता है। जानिए दही हांडी पर्व मनाने का कारण और इसका महत्व।
नई दिल्ली, Krishna Janmashtami 2022: भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है। कृष्ण जन्माष्टमी इस साल दो दिन पड़ रही है ऐसे में कुछ लोगों ने 18 को मनाया और कुछ लोग आज जन्माष्टमी का पर्व मना रहे है। इसके साथ ही आज दही हांडी का पर्व भी मनाया जा रहा है।
भारत में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। इसके साथ ही जन्माष्टमी के दूसरे दिन यानी आज दही हांडी का कार्यक्रम मनाया जा रहा है। यह पर्व भगवान कृष्ण के माखन चोरी को दर्शाता है। आइए जानते हैं आखिर दही हांडी उत्सव क्यों मनाया जाता है और इसका क्या है महत्व।
क्यों मनाते हैं दही हांडी
दही हांडी उत्सव कृष्ण की बाल लीलाओं से संबंधित है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, भगवान कृष्ण को माखन बहुत ही ज्यादा प्रिय था, तो वह अपनी टोली के साथ पूरे गोकुल में माखन चुराते थे। ऐसे में गोकुल वासियों से परेशान होकर ऊंचे स्थान में माखन के मटकियां लटकाना शुरू कर दिया था। ऐसे में कान्हा अपनी टोली के कंधों पर चढ़कर मटकी तक पहुंचते थे और स्वयं माखन खाते थे और पूरी टोली खिलाते थे। माना जाता है कि यहीं से दही-हांडी की शुरुआत हुई। आज के समय में मानव पिरामिड बनाने वालों को गोविंदा कहा जाता है।
दही हांडी का महत्व
जन्माष्टमी में दही हांडी का विशेष महत्व है। भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं को प्रतीकात्मक रूप में दर्शाने के लिए दही हांडी का उत्सव मनाया जाता है। माना जाता है कि जिस घर में माखन चोरी के लिए मटकी फोड़ी जाती है वहां से हर एक दुख भी भाग जाता है और खुशियां ही खुशियां आ जाती है।
दही हांडी कैसे मनाते हैं
दही हांडी उत्सव गुजरात और महाराष्ट्र में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन मिट्टी की मटकी में दही भरकर ऊंचाई पर लटका दिया जाता है। इसके बाद पुरुषों या फिर महिलाओं का एक समूह एक मानव पिरामिड बनाता है फिर एक नारियल के माध्यम से इसे फोड़ देते हैं। दही हांडी एक तरह की प्रतियोगिता भी होती है जिसमें भाग लेने वाले लोगों को गोविंदा कहा जाता है।
Pic Credit- Freepik
डिस्क्लेमर
''इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्म ग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारी आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।''