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Janmashtami 2022 Date Time: पहली बार मना रहे हैं जन्माष्टमी, तो इस तरह करें भगवान कृष्ण की पूजा

Janmashtami 2022 Date Time भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जन्माष्टमी का त्योहार पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। अगर आप पहली बार घर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मना रहे हैं तो इस विधि से करें कान्हा की पूजा साथ ही जानिए शुभ मुहूर्त।

By Shivani SinghEdited By: Published: Thu, 18 Aug 2022 11:43 AM (IST)Updated: Fri, 19 Aug 2022 08:13 AM (IST)
Janmashtami 2022 Date Time: पहली बार मना रहे हैं जन्माष्टमी, तो इस तरह करें भगवान कृष्ण की पूजा
Janmashtami 2022 Date Time: पहली बार मना रहे हैं जन्माष्टमी, तो इस तरह करें भगवान कृष्ण की पूजा

नई दिल्ली, Janmashtami 2022 Date Time: पंचांग के अनुसार,भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन रोहिणी नक्षत्र में रात 12 बजे भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। ऐसा माना जाता है कि भगवान कृष्ण की विधिवत पूजा के साथ भोग लगाने से हर मुराद पूरी हो जाती है। इसके साथ ही निसंतान स्त्रियों को संतान का प्राप्ति होती है। इस साल की जन्माष्टमी के दिन वृद्धि और धुव्र योग बन रहे हैं जो काफी शुभ और फलदायी माने जाते है। अगर आप पहली बार घर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मना रहे हैं, तो इस विधि से करें कान्हा की पूजा, साथ ही जानिए शुभ मुहूर्त।

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Janmashtami 2022 Date: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी आज या कल? जानिए शुभ मुहूर्त

18 अगस्त की रात का शुभ मुहूर्त

जन्माष्टमी के दिन बाल गोपाल की पूजा का मुहूर्त 18 अगस्त को रात 12 बजकर 03 मिनट से शुरू होकर रात 12 बजकर 47 मिनट तक रहेगा। जन्माष्टमी के दिन इस बार रोहिणी नक्षत्र नहीं है। अबकी बार भरणी नक्षत्र सुबह 11 बजकर 35 मिनट तक रहेगा। इसके बाद कृतिका नक्षत्र लग जाएगी इसके साथ ही वृद्धि योग रात 8 बजकर 42 मिनट तक रहेगा इसके बाद ध्रुव योग लग जाएगा।

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जन्माष्टमी 2022 पूजा विधि

भगवान कृष्ण का जन्म आधी रात को हुआ था इसी कारण आज रात 12 बजे जन्मोत्सव मनाया जाएगा। आज स्नान आदि करने के साथ साफ वस्त्र धारण कर लें। इसके साथ ही बाल गोपाल का मनन करते हुए व्रत का संकल्प लें। इसके साथ ही पूरे दिन इन मंत्र का जाप करें- ममखिलपापप्रशमनपूर्वक सवार्भीष्ट सिद्धये, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रतमहं करिष्ये।।

जन्माष्टमी की रात को भगवान कृष्ण की मूर्ति स्थापित करें इसके साथ ही जल और गाय के दूध से अभिषेक करें। अभिषेक करने के बाद मनमोहक वस्त्र पहनाएं। मुकुट पहनाएं और उसमें मोर पंख लगाएं। इसके साथ ही बांसुरी, वैजयंती माला रख दें। इसके बाद श्रीकृष्ण को चंदन लगाएं। चंदन के बाद पीले रंग के फूल, माला चढ़ाएं। इसके साथ ही भोग में लड्डू, माखन मिश्री, दही, दूध, मिठाई, मेवे, पीले रंग की मिठाई, आटा के पुए के साथ तुलसी दल चढ़ाएं। भोग के बाद जल अर्पित करें और गाय के घी का दीपक और धूप जलाएं। फिर अंत में बाल गोपाल की आरती कर लें और भूल-चूक के लिए माफी मांग लें। अंत में प्रसाद वितरण कर दें।

Pic Credit- unsplash

डिसक्लेमर

इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।


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