Move to Jagran APP

जानें कब है महाकाल भैरव अष्‍टमी और कैसे करें पूजा कि हो जाये महाकाल खुश

इस बार 10 नवंबर को महाकाल भैरव अष्‍टमी पड़ रही है। महाकाल की पूजा सही समय और सही विधि से करके आप उन्‍हें प्रसन्‍न कर आर्शिवाद प्राप्‍त कर सकते हैं।

By Molly SethEdited By: Published: Thu, 09 Nov 2017 10:30 AM (IST)Updated: Thu, 09 Nov 2017 10:30 AM (IST)
जानें कब है महाकाल भैरव अष्‍टमी और कैसे करें पूजा कि हो जाये महाकाल खुश
जानें कब है महाकाल भैरव अष्‍टमी और कैसे करें पूजा कि हो जाये महाकाल खुश

 कैसे करें पूजा 

prime article banner

10 नवंबर को है भैरव अष्टमी, मार्गशीर्ष माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी को काल भैरवाष्टमी के रूप में मनाया जाता है। कहते हैं इसी दिन भगवान महादेव ने कालभैरव के रूप में अवतार लिया था। इस दिन कालभैरव के मंदिर में जाकर उनकी प्रतिमा पर सिंदूर और तेल चढ़ाएं और मूर्ति के सामने बैठकर काल भैरव मंत्र का जाप करें। इसके साथ ही ऐसी मान्‍यता है कि इस दिन 21 बिल्वपत्रों पर चंदन से ऊं नम: शिवाय लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाने से सभी तरह की मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। साथ ही भैरव की प्रिय वस्तुयें जैसे काले तिल, उड़द, नींबू, नारियल, अकौआ के पुष्प, कड़वा तेल, सुगंधित धूप, पुए, मदिरा और कड़वे तेल से बने पकवान दान कर सकते हैं।

मिलते हैं ये लाभ 

कालभैरव की पूजा का सबसे बड़ा लाभ ये होता है कि इससे सभी प्रकार के अनिष्ट का निवारण हो जाता है। साथ ही रोग, शोक, दुखः, दरिद्रता से मुक्ति मिलती है, और जीवन सुखमय होता है। भैरवजी के दर्शन, पूजा से सकंट और शत्रु बाधा का भी निवारण होता है। इसके साथ ही अगर इस दिन भैरव जी के वाहन कुत्‍ते को गुड़ खिलाया जाए तो दसों दिशाओं में नकारात्मक प्रभावों समाप्‍त हो जाते है और पुत्र की भी प्राप्ति होती है।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.