Gopashtami Puja Vidhi: गोपाष्टमी पर इस तरह करें गायों की पूजा, मनोकामना होती है पूरी
Gopashtami Puja Vidhi कार्तक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को गोपाष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष यह पर्व 22 नवंबर को है। इस दिन का महत्व बृजवासियों तथा वैष्णव लोगों के लिए बहुत ज्यादा होता है।
Gopashtami Puja Vidhi: कार्तक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को गोपाष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष यह पर्व 22 नवंबर को है। इस दिन का महत्व बृजवासियों तथा वैष्णव लोगों के लिए बहुत ज्यादा होता है। इस दिन गौ माता यानी गाय की पूजा-अर्चना की जाती है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि गाय का हम सभी के जीवन में बेहद ही खास महत्व है। गोपाष्टमी के दिन देशभर में श्रीकृष्ण मंदिरों में कई तरह के अनुष्ठानों का आयोजन किया जाता है। इसके अलावा श्रीकृष्ण के मंदिरों में कई तरह के अलग-अलग भोग भी लगाए जाते हैं। गायों को जीवन देने वाला कहा गया है। इनकी पूजा ठीक उसी तरह की जाती है जिस तरह किसी देवी की पूजा की जाती है। आइए जानते हैं किस तरह की जाए गोपाष्टमी की पूजा।
गोपाष्टमी की पूजा विधि:
- इस दिन सबुह के समय गाय और उसके बछड़े को नहलाया जाता है और तैयार किया जाता है। इस गाय और उसके बछड़े का श्रृंगार भी किया जाता है। उनके पैरों में घुंघरू बांधे जाते हैं। साथ ही कई तरह के आभूषण भी पहनाए जाते हैं।
- गौ माता के सींगो पर चुनरी भी बांधी जाती है।
- इस दिन सुबह के समय जल्दी उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर गाय के चरणों को स्पर्श करना चाहिए।
- फिर गाय माता की परिक्रमा की जानी चाहिए। परिक्रमा के बाद उन्हें चराने के लिए बाहर ले जाया जाता है।
- इस दिन अगर ग्वालों को दान दिया जाए तो शुभ होता है। कई जगहों पर ग्वालों को नए कपड़े दिए जाते हैं और तिलक लगाया जाता है।
- फिर शाम को जब गाय घर वापस आती है तो उनकी पूजा की जाती है। इसके बाद उन्हें भोजन कराया जाता है। इस दिन गाय को हरा चारा, हरा मटर एवं गुड़ खिलाया जाता है।
- अगर किसी के घर गाय नहीं है तो वो गौशाला जाकर भी गाय की पूजा कर सकते हैं। गौशाला में गाय को खाना खिलाकर सामान दान किया जा सकता है।
- इस दिन कई लोग कृष्ण जी की भी पूजा करते हैं। साथ ही कृष्ण जी के भजन भी गाए जाते हैं।
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