धन और ऐश्वर्य के लिए विधि विधान से करें दिवाली पर लक्ष्मी गणेश की पूजा
दिवाली पर गणेश जी, कुबेर और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। ऐसे में इस दिन धन और ऐश्वर्य के लिए ऐसे करें विधि विधान से पूजा...
विष्णु जी और सरस्वती
दिवाली के दिन सर्वप्रथम पूज्यनीय गणेश जी, कुबेर और माता लक्ष्मी की विधिविधान से पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। इस दिन शुभ मुहुर्त में एक चौकी पर नया कपड़ा बिछाकर सर्वप्रथम पूज्यनीय गणेश जी और उनके दाहिने भाग में माता लक्ष्मी को स्थापित करना चाहिए। मान्यता है कि लक्ष्मी जी के साथ विष्णु जी़ और सरस्वती जी की पूजा करने से मां लक्ष्मी जल्दी प्रसन्न होती हैं।
लक्ष्मी पूजन की सामग्री
दिवाली पर लक्ष्मी पूजन में कमल गट्टे, पंचामृत, फल, बताशे, मिठाईयां, कलावा, रोली, सिंदूर, एक नारियल, अक्षत, लाल वस्त्र , फूल, पांच सुपारी, लौंग, पान के पत्ते, घी, कलश, कलश हेतु आम का पल्लव, चौकी, समिधा, हवन कुण्ड, हवन सामग्री, हल्दी , अगरबत्ती, कुमकुम, इत्र, दीपक, रूई, आरती की थाली व घी के दिए शामिल करना जरूरी होता है।
ऐसे शुरू करें पूजन
शुभ मुहुर्त में होने वाली लक्ष्मी पूजा में सर्वप्रथम एक चौकी पर लाल या सफेद रंग का कपड़ा बिछाए। इसके बाद उस पर इन देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को स्थापित कर उनके सामने एक कलश रखें। पूजा शुरू करते हुए मूर्तियों पर जल छिड़कें। इसके बाद रोली, कलावा, हल्दी आदि चढाएं। इसके अलावा उपरोक्त पूजन सामग्री से मां की पूजा करने के बाद मिठाई व चरणामृत से भोग लगाएं व विधिवत आरती करें।
पूजा में श्रीयंत्र रखें
दिवाली पूजा में लक्ष्मी यंत्र, कुबेर यंत्र और स्फटिक का श्रीयंत्र रखना शुभ होता है। पूजन के दौरान मां लक्ष्मी जी के सामने घी के दिए जलाना अनिवार्य होता है। पूजन के अंत में गणेश जी, कुबेर जी, विष्णु जी, सरस्वती जी व माता लक्ष्मी से क्षमा मांगे। इससे सभी देवी-देवता खुश होते हैं। जीवन में विद्या, धन और ऐश्वर्य मिलता है। घर में खुशियों का आगमन होने के साथ ही स्वास्थ्य लाभ होगा।
इन नामों का जप करें
पूजा में इन नामों का जाप करने से मां लक्ष्मी जल्दी खुश होती हैं। ॐ आद्यलक्ष्म्यै नम:। ॐ विद्यालक्ष्म्यै नम:। ॐ सौभाग्यलक्ष्म्यै नम:। ॐ अमृतलक्ष्म्यै नम:। ॐ कामलक्ष्म्यै नम:। ॐ सत्यलक्ष्म्यै नम:। ॐ भोगलक्ष्म्यै नम:। ॐ योगलक्ष्म्यै नम:।...ऊं अपवित्र: पवित्रोवा सर्वावस्थां गतो पिवा। य: स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यन्तर:।।...ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः।