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Falgun Kalashtami 2020: कल कालाष्टमी पर करें काल भैरव की पूजा, ये 5 मनोकामनाएं होंगी पूरी

Kalashtami 2020 कालाष्टमी हिन्दू कैलेंडर के हर मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। फाल्गुन मास की कालाष्टमी 15 फरवरी दिन शनिवार को है।

By Kartikey TiwariEdited By: Published: Wed, 12 Feb 2020 12:23 PM (IST)Updated: Fri, 14 Feb 2020 12:53 PM (IST)
Falgun Kalashtami 2020: कल कालाष्टमी पर करें काल भैरव की पूजा, ये 5 मनोकामनाएं होंगी पूरी
Falgun Kalashtami 2020: कल कालाष्टमी पर करें काल भैरव की पूजा, ये 5 मनोकामनाएं होंगी पूरी

Kalashtami 2020: कालाष्टमी हिन्दू कैलेंडर के हर मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। फाल्गुन मास की कालाष्टमी 15 फरवरी दिन शनिवार को है। काल अष्टमी के दिन भगवान शिव के काल भैरव स्वरूप की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है। काल अष्टमी को भैरव अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। काल अष्टमी के दिन काल भैरव के साथ मां दुर्गा की भी पूजा की जाती है। काल भैरव की पूजा करने से कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।

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काशी के कोतलवाल हैं काल भैरव

शिव पुराण में बताया गया है कि काल भैरव भगवान शिव के ही रूप हैं। भगवान शिव की नगरी काशी के वे कोतवाल भी कहे जाते हैं।

कालाष्टमी पूजा मुहूर्त

फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी का प्रारंभ 15 फरवरी दिन शनिवार को शाम 04 बजकर 29 मिनट पर हो रहा है, जो 16 फरवरी दिन रविवार को दोपहर 03 बजकर 13 मिनट तक है।

कालाष्टमी पूजा विधि

काल अष्टमी की रात में काल भैरव की पूजा विधि विधान से करना चाहिए। इस दौरान भैरव कथा का पाठ करना चाहिए। उनको पूजा के बाद जल अ​र्पित करें। काल भैरव का वाहन कुत्ता है, इस दिन को भोजन कराना शुभ और फलदायी माना जाता है। काल भैरव की पूजा के बाद मां दुर्गा की भी विधिपूर्वक पूजा करें। रात में मां पार्वती और भगवान शिव की कथा सुनकर रात्रि जागरण करें। व्रत रखने वाले लोगों को फलाहार करना चाहिए।

काल भैरव पूजा मंत्र

काल अष्टमी के दिन पूजा के समय नीचे दिए गए मंत्र का जाप करना चाहिए।

अतिक्रूर महाकाय कल्पान्त दहनोपम्,

भैरव नमस्तुभ्यं अनुज्ञा दातुमर्हसि।

कालाष्टमी पूजा का महत्व

आज के दिन भगवान शिव को पंचामृत से अभिषेक कराने पर रोग और संभावित दुर्घटनाओं से मुक्ति मिलती है। यदि आज के दिन भगवान शिव को सफेद साफा पहनाते हैं और सफेद मिठाई का भोग लगाते हैं तो आपके पास धन संपदा की कमी नहीं रहेगी। शत्रुओं को पराजित करने के लिए काल अष्टमी के दिन भगवान शिव को 108 बिल्व पत्र, 21 धतूरे और भांग अर्पित करें। कार्यों में सफलता के लिए आज के दिन भैरव जी को जलेबी और नारियल का भोग लगाएं। इसके बाद उनको गरीबों में वितरित कर दें। काल भैरव की पूजा से मंगल दोष का निवारण होता है।


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