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Mauni Amavasya 2022: पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए मौनी अमावस्या के दिन करें ये उपाय

Mauni Amavasya 2022 ज्योतिषों की मानें तो कालसर्प दोष की पूजा और उपाय अमावस्या के दिन किए जाते हैं। अतः माघ अमावस्या के दिन चांदी से निर्मित नाग-नागिन की पूजा कर उन्हें नदी की धारा में प्रवाहित करें। ऐसा करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है।

By Pravin KumarEdited By: Published: Wed, 26 Jan 2022 05:00 AM (IST)Updated: Mon, 31 Jan 2022 04:36 AM (IST)
Mauni Amavasya 2022: पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए मौनी अमावस्या के दिन करें ये उपाय
Mauni Amavasya 2022: पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए मौनी अमावस्या के दिन करें ये उपाय

Mauni Amavasya 2022: सनातन धर्म में अमावस्या के दिन पितरों के लिए तर्पण, पिंडदान, श्राद्ध कर्म आदि करने का विधान है। इस वर्ष मौनी यानी माघ अमावस्या 1 फरवरी को है। ऐसी मान्यता है कि मौनी अमावस्या के दिन तर्पण करने करने से पितरों को की आत्माएं तृप्त होती हैं और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। इससे प्रसन्न होकर पितर अपने परिवारजनों को पितृ लोक से सुख, समृद्धि और वंश वृद्धि हेतु आशीर्वाद देते हैं। अत: ज्योतिष शास्त्र में अमावस्या के दिन कई उपाय करने का विधान है। इन उपायों को करने से पितर प्रसन्न होते हैं। आइए जानते हैं-

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-ज्योतिषों की मानें तो कालसर्प दोष की पूजा और उपाय अमावस्या के दिन किए जाते हैं। अतः माघ अमावस्या के दिन चांदी से निर्मित नाग-नागिन की पूजा कर उन्हें नदी की धारा में प्रवाहित करें। ऐसा करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है।

-अमावस्या के दिन जरुरतमंदों और असहाय लोगों की सहायता करना और उन्हें भोजन करना पुण्य का काम माना जाता है। अतः माघ अमावस्या के दिन दिन आप जन-जीव को भोजन अवश्य दें। इससे पितर प्रसन्न होते हैं।

-अमावस्या के दिन ब्राह्मणों को भोजन कराने का विधान है। अतः माघ अमावस्या के दिन पूजा-पाठ संपन्न करने के बाद अपनी क्षमता अनुसार ब्राह्मणों को भोजन जरूर कराएं भोजन उपरांत उन्हें दान-दक्षिणा भी दें।

-माघ अमावस्या के दिन प्रातः काल पवित्र नदी या सरोवर में स्नान करें। कोरोना काल में संभव न हो, तो घर पर गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें। इसके बाद आटे का चारा मछलियों को खिलाएं। इससे जीवन में व्याप्त सभी परेशानियों का अंत होता है।

-पितरों को प्रसन्न करने के लिए मौनी अमावस्या को दक्षिण दिशा में खड़े होकर जल में काले तिल मिलाकर पितरों को तर्पण करना चाहिए। इससे पितृ प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति को मनोवांछित फल देते हैं। साथ ही पितरों को स्मरण कर दान-पुण्य करने से भी सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


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