Move to Jagran APP

Mata Laxmi Mantra: शुक्रवार के दिन करें इन मंत्रों का जाप, धन की कभी नहीं होगी कमी

Mata Laxmi Mantra धार्मिक मान्यता है कि शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की विधि पूर्वक पूजा करने से मां प्रसन्न होती हैं। उनकी कृपा-दृष्टि से घर में सुख और समृद्धि आती है और धन में बढ़ोत्तरी होती है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarPublished: Thu, 25 May 2023 09:00 AM (IST)Updated: Thu, 25 May 2023 09:12 AM (IST)
Mata Laxmi Mantra: शुक्रवार के दिन करें इन मंत्रों का जाप, धन की कभी नहीं होगी कमी
Mata Laxmi Mantra: शुक्रवार के दिन करें इन मंत्रों का जाप, धन की कभी नहीं होगी कमी

नई दिल्ली, आध्यात्म डेस्क। Mata Laxmi Mantra: शुक्रवार का दिन सुख, समृद्धि, ऐश्वर्य और धन की देवी मां लक्ष्मी को समर्पित होता है। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा-उपासना की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की विधि पूर्वक पूजा करने से मां प्रसन्न होती हैं। उनकी कृपा-दृष्टि से घर में सुख और समृद्धि आती है और धन में बढ़ोत्तरी होती है। सनातन शास्त्रों में वर्णित है कि मां लक्ष्मी स्वभाव से इतनी चंचल हैं कि एक जगह पर अधिक समय तक नहीं रुकती हैं। इसके लिए जीवन में सुख और दुख का चक्र चलता है। मां को प्रसन्न करने के लिए शुक्रवार के दिन विशेष उपाय किए जाते हैं। अगर आप भी धन की देवी मां लक्ष्मी को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो शुक्रवार के दिन इन मंत्रों का जाप करें। इन मंत्रों के जाप से घर में धन की कमी नहीं होती है। आइए, इन मंत्रों को जानते हैं-

loksabha election banner

माता लक्ष्मी के मंत्र

1.

या रक्ताम्बुजवासिनी विलासिनी चण्डांशु तेजस्विनी।

या रक्ता रुधिराम्बरा हरिसखी या श्री मनोल्हादिनी॥

या रत्नाकरमन्थनात्प्रगटिता विष्णोस्वया गेहिनी।

सा मां पातु मनोरमा भगवती लक्ष्मीश्च पद्मावती॥

2.

आदि लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु परब्रह्म स्वरूपिणि।

यशो देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।

सन्तान लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु पुत्र-पौत्र प्रदायिनि।

पुत्रां देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।

3.

शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं

विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम् ।

लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम्

वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्॥

4.

ॐ श्री ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद

श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मयै नमः।।

5.

ऊँ श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी

एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा।।

6.

ऊँ ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये,

धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा:। ।

7.

ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं त्रिभुवन महालक्ष्म्यै अस्मांक दारिद्र्य नाशय

प्रचुर धन देहि देहि क्लीं ह्रीं श्रीं ॐ ।।

8.

पद्मानने पद्म पद्माक्ष्मी पद्म संभवे तन्मे,

भजसि पद्माक्षि येन सौख्यं लभाम्यहम्।।

9.

ॐ सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो, धन धान्यः सुतान्वितः।

मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशयः ॐ ।।

10.

ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं सौं ॐ ह्रीं क ए ई ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं सकल ह्रीं सौं ऐं क्लीं ह्रीं श्री ॐ।

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.