Dev Uthani Ekadashi Puja Vidhi: आज है देवउठनी एकादशी, जानें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि
Dev Uthani Ekadashi Puja Vidhi हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत बेहद महत्वपूर्ण होता है। पूरे वर्ष में चौबीस एकादशी होती हैं। लेकिन अगर किसी वर्ष मलमास है तो इनकी संख्या बढ़कर 26 हो जाती है। इन्हीं में से एक एकादशी होती है देवउठनी।
Dev Uthani Ekadashi Puja Vidhi: हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत बेहद महत्वपूर्ण होता है। पूरे वर्ष में चौबीस एकादशी होती हैं। लेकिन अगर किसी वर्ष मलमास है तो इनकी संख्या बढ़कर 26 हो जाती है। इन्हीं में से एक एकादशी होती है देवउठनी। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी होती है। कहा जाता है कि आषाढ़ शुक्ल एकादशी को देव-शयन हो जाते हैं और फिर चातुर्मास के समापन कार्तिक शुक्ल एकादशी के दिन देवउठनी-उत्सव होता है। इस एकादशी को ही देवउठनी कहा जाता है। आइए जानते हैं इस वर्ष कब मनाई जाएगी देवउठनी एकादशी। साथ ही किस तरह करें देवउठनी एकादशी की पूजा।
देवउठनी एकादशी का शुभ मुहूर्त:
देवउठनी एकादशी 25 नवंबर, बुधवार को पड़ रही है। एकादशी तिथि प्रारम्भ- नवंबर 25, 2020 को 02:42 बजे से
एकादशी तिथि समाप्त- नवंबर 26, 2020 को 05:10 बजे तक
इस तरह करें पूजा:
- इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस दिन विष्णु जी को जगाने का आह्वान किया जाता है।
- इस दिन सुबह उठकर साफ कपड़े पहने जाते हैं। फिर विष्णु जी के व्रत का संकल्प लिया जाता है।
- फिर घर के आंगन में विष्णु जी के चरणों का आकार बनाया जाता है। लेकिन अगर आंगन में धूप हो तो चरणों को ढक दिया जाता है। के चरणों की आकृति बनाएं. लेकिन धूप में चरणों को ढक दें.
- फिर ओखली में गेरू से चित्र बनाया जाता है और फल, मिठाई, ऋतुफल और गन्ना रखकर डलिया को ढक दिया जाता है।
- रात के समय घर के बाहर और जहां पूजा की जाती है वहां दिए जलाए जाते हैं।
- रात के समय विष्णु जी की पूजा की जाती है। साथ ही अन्य देवी-देवताओं की पूजा भी की जाती है।
- पूजा के दौरान सुभाषित स्त्रोत पाठ, भगवत कथा और पुराणादि का पाठ किया जाता है। साथ ही भजन भी गाए जाते हैं।
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