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Dev Prabodhini Ekadashi 2020: वैष्णव और साधु-संतों को कब रखना होगा व्रत, जानें महत्व

Dev Prabodhini Ekadashi 2020 पद्मपुराण में कार्तिक शुक्ल एकादशी को देवप्रबोधिनी एकादशी कहा गया है। इसे देवउठनी देवउठानी और हरिप्रबोधिनी एकादशी भी कहा जाता है। देवप्रबोधिनी एकादशी आज है। इस दिन भगवान नींद से जानते हैं। मान्यता के अनुसार भगवान विष्णु 4 महीने के लिए सो जाते हैं

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2020 09:37 AM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2020 09:37 AM (IST)
Dev Prabodhini Ekadashi 2020: वैष्णव और साधु-संतों को कब रखना होगा व्रत, जानें महत्व
Dev Prabodhini Ekadashi 2020: वैष्णव और साधु-संतों को कब रखना होगा व्रत, जानें महत्व

Dev Prabodhini Ekadashi 2020: पद्मपुराण में कार्तिक शुक्ल एकादशी को देवप्रबोधिनी एकादशी कहा गया है। इसे देवउठनी, देवउठानी और हरिप्रबोधिनी एकादशी भी कहा जाता है। देवप्रबोधिनी एकादशी आज है। इस दिन भगवान नींद से जानते हैं। मान्यता के अनुसार, भगवान विष्णु 4 महीने के लिए सो जाते हैं और इसी एकादशी पर नींद से जागते हैं। इस एकादशी के दिन भगवान विष्णु के शालिग्राम रूप का देवी तुलसी के साथ विवाह संपन्न हुआ था। ऐसे में इस एकादशी का महत्व बहुत ज्यादा है। जानें इस एकादशी के बारे में।

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पापों से मिलता है छुटकारा:

इस दिन केवल मनुष्य ही नहीं बल्कि देवी-देवता भी व्रत करते हैं। पद्मपुराण में कहा गया है कि इस दिन व्रत करने से व्यक्ति के पाप नष्ट हो जाते हैं। इस दिन से सभी शुभ कार्य शुरू हो जाते हैं। आज से शादी के मुहूर्त भी शुरू हो चुके हैं। शास्त्रों में बताया गया है कि वैष्णव लोग यानी जिन लोगों ने अपने किसी गुरु से वैष्णव मंत्र लिया है वह द्वादशी वाला एकादशी व्रत करें। वहीं, बाकी के लोगों को उस दिन व्रत करना चाहिए जिस दिन एकादशी तिथि हो। इसके बाद द्वादशी तिथि के आरंभ में भोजन ग्रहण करना चाहिए।

जानें देवप्रबोधिनी एकादशी का मुहूर्त:

जहां 25 नवंबर को गृहस्थ लोगों को व्रत करना सही है। वहीं, 26 नवंबर को साधु संतों और वैष्णव लोगों को एकादशी व्रत करना चाहिए। इस वर्ष 24 नवंबर को रात 2 बजकर 43 मिनट से एकादशी तिथि शुरू हो गई है। यह 25 तारीख तक सुबह 5 बजकर 11 मिनट पर खत्म होगी। फिर 5 बजकर 12 मिनट से द्वादशी तिथि की शुरुआत होगी जो 27 नवंबर 7 बजकर 47 मिनट तक रहेगी।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। '  


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