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Chandra Darshan 2022: मार्गशीर्ष के शुक्ल पक्ष का चंद्र दर्शन आज, जानें समय, पूजा विधि और मंत्र

Chandra Darshan 2022 पंचांग के अुसार हर मास में चंद्र दर्शन करना शुभ माना जाता है। अमावस्या तिथि के बाद शुक्ल पक्ष में निकलने वाले चंद्रमा का दर्शन करना शुभ होता है। जानिए चंद्र दर्शन का समय शुभ मुहूर्त पूजा विधि और महत्व।

By Shivani SinghEdited By: Published: Fri, 25 Nov 2022 09:16 AM (IST)Updated: Fri, 25 Nov 2022 09:16 AM (IST)
Chandra Darshan 2022: मार्गशीर्ष के शुक्ल पक्ष का चंद्र दर्शन आज, जानें समय, पूजा विधि और मंत्र
Chandra Darshan 2022: मार्गशीर्ष के शुक्ल पक्ष का चंद्र दर्शन आज, जानें समय, पूजा विधि और मंत्र

नई दिल्ली, Chandra Darshan 2022: धार्मिक ग्रंथों के अनुसार चंद्रमा एक ग्रह होने के साथ-साथ देव भी माने जाते हैं। मार्गशीर्ष अमावस्या तिथि समाप्त होने के बाद शुक्ल पक्ष में चंद्र दर्शन करना शुभ माना जाता है। इस दिन कई भक्त व्रत भी रखते हैं और शाम को चंद्र देव की विधिवत पूजा करने के बाद व्रत खोलते हैं। चंद्रमा को ज्ञान, बुद्धि और मन का स्वामी माना जाता है। इसके साथ ही इस दिन चंद्रमा देखने से भाग्य जाग जाता है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। ज्योतिषीयों के अनुसार नवग्रहों में चंद्रमा को सबसे शक्तिशाली माना जाता है। क्योंकि यह जातकों के जीवन पर सबसे अधिक प्रभाव डालता है। जानिए चंद्र दर्शन का समय, पूजा विधि, महत्व और मंत्र।

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मार्गशीर्ष चंद्र दर्शन 2022 का समय

चंद्र दर्शन की तिथि- 25 नवंबर, शुक्रवार

चंद्रोदय : शाम 05 बजकर 24 मिनट

चंद्र अस्त: 06 बजकर 31 मिनट तक

कुल अवधि : 01 घंटा 07 मिनट

चंद्र दर्शन का महत्व

शास्त्रों के अनुसार, अमावस्या के बाद चंद्र के दर्शन करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। क्योंकि चंद्र दर्शन को पवित्रता, खुशी और ज्ञान का प्रतीक माना जाता है। इसके साथ ही चंद्रमा मन का कारक है। इसलिए जिन राशियों की कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत नहीं है, तो आज के दिन चंद्र दर्शन करने से शुभ फलों की प्राप्ति होगी।

चंद्र दर्शन 2022 पूजा विधि

शाम के चंद्रमा निकलने के बाद विधिवत तरीके से पूजा करें। सबसे पहले जल से अर्घ्य दें। इसके बाद चंद्रमा को रोली, फूल, माला, फल आदि अर्पित करें। इसके साथ ही अपना व्रत खोल लें। इसके साथ ही इस मंत्र को बोले- ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे अमृत तत्वाय धीमहि, तन्नो चन्द्र: प्रचोदयात ।।

इन मंत्रों से करें चंद्र देव को प्रसन्न

चंद्र देव की उपासना के वैदिक मंत्र

ॐ इमं देवा असपत्नं ग्वं सुवध्यं।

महते क्षत्राय महते ज्यैश्ठाय महते जानराज्यायेन्दस्येन्द्रियाय इमममुध्य पुत्रममुध्यै

पुत्रमस्यै विश वोsमी राज: सोमोsस्माकं ब्राह्माणाना ग्वं राजा।

चंद्र देव का बीज मंत्र

ऊॅँ श्रां श्रीं श्रौं स: चंद्राय नम:

Pic Credit- Freepik

डिसक्लेमर

इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।


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