Chaitra Navratri 2019: इन बीज मंत्रों से करें शैलपुत्री से लेकर सिद्धिदात्री तक 9 देवियों की पूजा
6 अप्रैल से चैत्र माह की नवरात्रि प्रारंभ हो रही है इसमें मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा नीचे दिए बीज मंत्रों से करने से सर्वोत्तम फल की प्राप्ति हो सकती है।
6 अप्रैल से चैत्र माह की नवरात्रि प्रारंभ हो रही है इसमें मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा नीचे दिए बीज मंत्रों से करने से सर्वोत्तम फल की प्राप्ति हो सकती है।
देवी के बीज मंत्र
चैत्र नवरात्रि नौ दिनों की होती है, जो मां दुर्गा को समर्पित होती है और प्रतिपदा से नवमी तक माता के नौ स्वरूपों की पूजा अर्चना और उपवास कर माता का आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है। ये रूप हैं शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चन्द्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री। इन सभी की पूजा के लिए विशेष बीज मंत्र होते हैं।
सबके होते हैं पृथक मंत्र
शास्त्रों के अनुसार माता दुर्गा के नव देवी रूप में हर स्वरूप के लिए एक पृथक बीज मंत्र होता है। नवरात्रि में इन मंत्रों का जाप करने से मां अत्यंत प्रसन्न होती हैं, और सुख समृद्धि का आर्शिवाद देती हैं। आइए जानें वे बीज मंत्र जो इन नौ देवी स्वरूपों को प्रसन्न करते हैं।
पहला शैलपुत्री का बीज मंत्र: ह्रीं शिवायै नम:
दूसरा ब्रह्मचारिणी का बीज मंत्र: ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:
तीसरा चन्द्रघंटा का बीज मंत्र: ऐं श्रीं शक्तयै नम:
चौथा कूष्मांडा का बीज मंत्र: ऐं ह्री देव्यै नम:
पांचवा स्कंदमाता का बीज मंत्र: ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:
छठा कात्यायनी का बीज मंत्र: क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम:
सातवां कालरात्रि का बीज मंत्र: क्लीं ऐं श्री कालिकायै नम:
आठवां महागौरी का बीज मंत्र: श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:
नवां सिद्धिदात्री का बीज मंत्र: ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम: