Move to Jagran APP

Pradosh Vrat Katha : बुध प्रदोष व्रत कथा, शिव कृपा से दूर होंगे सारे कष्ट

Pradosh Vrat Katha लड़का ने ससुराल वालों की बात को अनसुना कर दिया। अंत मे सास-ससुर ने भारी मन से बेटी और दामाद की विदाई कर दी। चलते-चलते जैसे ही सभी नगर के बाहर पहुंचे होंगे पत्नी को तेज प्यास लग गई। पति उसके लिए पानी लेने चला गया।

By Ritesh SirajEdited By: Published: Wed, 07 Jul 2021 07:39 AM (IST)Updated: Wed, 07 Jul 2021 07:39 AM (IST)
Pradosh Vrat Katha : बुध प्रदोष व्रत कथा, शिव कृपा से दूर होंगे सारे कष्ट
Pradosh Vrat Katha : बुध प्रदोष व्रत कथा, शिव कृपा से दूर होंगे सारे कष्ट

Pradosh Vrat Katha : हिंदू पचांग के अनुसार माह के प्रत्येक त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। सप्ताह के प्रत्येक दिन के प्रदोष व्रत का अलग-अलग महत्व है। आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष का प्रदोष व्रत आज 07 जुलाई दिन बुधवार को हो रहा है। इसलिए यह बुध प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा विधिपूर्वक की जाती है। प्रदोष व्रत रखने से व्यक्ति को सुख-शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। भगवान भोलेनाथ की कृपा प्राप्त होने से व्यक्ति के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। आज हम प्रदोष व्रत की कथा के बारे में बताएंगे।

loksabha election banner

प्रदोष व्रत कथा

एक लड़के की नई-नई शादी हुई थी। शादी के बाद दूसरी-तीसरी बार वह अपनी पत्नी को लेकर ससुराल पहुंचा। दो-तीन दिन ससुराल में उसकी खूब खातिरदारी की गई। फिर उसने एक दिन उसने अपने सास से कहा कि उसे घर जाना है। लड़के ने घर जाने के लिए बुद्धवार का दिन चुना हालांकि ससुराल वालों ने बुद्धवार के दिन जाने को लेकर बहुत मना किया। लड़का ने ससुराल वालों की बात को अनसुना कर दिया। अंत मे सास-ससुर ने भारी मन से बेटी और दामाद की विदाई कर दी। चलते-चलते जैसे ही सभी नगर के बाहर पहुंचे होंगे पत्नी को तेज प्यास लग गई। पति उसके लिए पानी लेने चला गया।

जब पति पानी लेकर वापस लौटा तो वहां का नजारा देखकर वह हैरान हो गया। उसने देखा कि उसकी पत्नी किसी पराये पुरुष के साथ खड़ी होकर पानी पी रही है और जोर-जोर के ठहाके लगा रही है। वह आदमी देखने में हूबहू उसी की तरह दिख रहा था। जिसे देखकर वह आश्चर्य चकित हो गया। वह आदमी के पास आकर झगड़ने लगा। देखते ही देखते वहां काफी भीड़ इकट्ठा हो गई।

विवाद बढ़ने के बाद वहां एक सिपाही भी आ गया। झगड़ा निपटाने के लिए सिपाही ने उस औरत पूछा कि तुम्हारा पति कौन है? दोनों के हमशक्ल होने की वजह से औरत भी संशय में पड़ गई। पत्नी को चुप देखकर पति भगवान शंकर को याद करने लगा कि उससे भूल हो गई जो ससुराल के कहने के बाद भी पत्नी को बुद्धवार के दिन लेकर बाहर निकल गया। उसने शिव से प्रार्थना करते हुए कहा कि मुझे इस मुसीबत से बाहर निकाल लीजिए। मैं ऐसी गलती दोबारा नहीं करूंगा। भगवान शिव को उसकी प्रार्थना पर दया आ गई जिसके बाद दूसरा व्यक्ति गायब हो गया। दोनों पति-पत्नी सकुशल अपने नगर पहुंचे। तब से दोनों नियमित रूप से प्रदोष व्रत रखना शुरू कर दिये।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.