Bahula Chaturthi 2020 Vrat Katha: बहुला चतुर्थी की व्रत कथा करने से मिलता है धन और संतान का सुख
Bahula Chaturthi 2020 Vrat Katha आज बहुला चतुर्थी है। आज के दिन भगवान विष्णु और श्री कृष्ण की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही गायों को भी पूजा जाता है।
Bahula Chaturthi 2020 Vrat Katha: आज बहुला चतुर्थी है। आज के दिन भगवान विष्णु और श्री कृष्ण की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही गायों को भी पूजा जाता है। इस पर्व के पीछे भी एक पौराणिक कथा है जिसका वर्णन हम यहां कर रहे हैं।
जब भगवान विष्णु ने कृष्ण रूप में अवतार लिया था तब देवी-देवताओं ने इनकी लीला देखने के लिए गोप-गोपियों का अवतार लिया था। एक कामधेनु नाम की गाय थी जिसके मन में श्री कृष्ण की सेवा का विचार आया। उसने अपने अंश से बहुला नाम की गाय बनाई और वह नंद बाबा की गौशाला में आकर शामिल हो गई। भगवान श्री कृष्ण को भी इस गाय से बेहद प्रेम था।
फिर एक दिन बहुला की परिक्षा लेने का ख्याल श्रीकृष्ण के मन में आया। बहुला जब खेत में घार चर रही थी तब श्री कृष्ण सिंह रूप में प्रकट हो गए। सिंह को अपने सामने खड़ा देख वो बहुत भयभीत हो गई। लेकिन फिर भी उसने हिम्मत जुटाई और कहा कि हे वनराज उसका बछड़ा भूखा है। उसे दूध पिलाकर वो सिंह का आहार बनने वापस आ जाएगी। सिंह ने कहा कि तुम तो मेरे सामने हो मैं आहार को कैसे जाने दूं। अगर तुम वापस नहीं आई तो वो तो भूखा ही रह जाएगा।
इस पर बहुला ने धर्म और सत्य की शपथ ली और कहा कि वो जरूर वापस आएगी। जब बहुला ने शपथ ली तो उससे प्रभावित होकर श्रीकृष्ण ने गाय को जाने दिया। बहुला ने अपने बछड़े को दूध पिलाया और सिंह के पास वन वापस आ गई। उसकी सत्यनिष्ठा देख श्रीकृष्ण बेहद खुश हुए और अपने असली रूप में आ गए। उन्होंने कहा, 'हे बहुला, तुम परीक्षा में सफल हुईं। अब से गौ-माता के रूप में भाद्रपद चतुर्थी के दिन तुम्हारी पूजा की जाएगी। जो इस दिन तुम्हारी पूजा करेगा उसे धन और संतान का सुख मिलेगा।'