Move to Jagran APP

बछ बारस विशेष: क्या होता है बायना, कैसे करते हैं उद्यापन?

Bach Baras Vishesh आज बछ बारस है। इस दिन गौमाता की बछड़े सहित पूजा की जाती है। माताएं अपने पुत्रों को तिलक लगाकर तलाई फोड़ने के बाद लड्डू का प्रसाद देती है

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Sun, 16 Aug 2020 06:30 AM (IST)Updated: Sun, 16 Aug 2020 02:30 PM (IST)
बछ बारस विशेष: क्या होता है बायना, कैसे करते हैं उद्यापन?
बछ बारस विशेष: क्या होता है बायना, कैसे करते हैं उद्यापन?

Bach Baras Vishesh: आज बछ बारस है। इस दिन गौमाता की बछड़े सहित पूजा की जाती है। माताएं अपने पुत्रों को तिलक लगाकर तलाई फोड़ने के बाद लड्डू का प्रसाद देती है यानि आज के दिन पुत्रवान महिलायें अपने पुत्र की मंगल कामना के लिए व्रत रखती हैं और पूजा करती हैं। इस दिन गेंहू से बने हुए पकवान और चाकू से कटी हुई सब्जी नहीं खाई जाती है। इस दिन बायना निकाला जाता है और उद्यापन भी किया जाता है। बहुत से लोग ये सवाल करते हैं कि ये बायना क्या होता है और उद्यापन क्या होता है? जागरण आध्यात्म के इस लेख में हम आपको बता रहे हैं क्या होता है बायना और उद्यापन।

loksabha election banner

ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि बयाना से मतलब होता है पूजन के लिए या व्रत त्यौर के लिए दान स्वरूप निकाला जाने वाली सामग्री। बछ बारस या और भी बहुत से पर्वों पर बयाना निकाला जाता है और मंदिर के पंडित, सास, ननद या किसी जरूरतमंद को ये बयाना दिया जाता है। बछ बारस के बयाने के लिए एक कटोरी मोंठ, बाजरा रखकर उसके उपर रुपया रख देवें। इनको रोली और चावल से छींटा देवें। दोनों हाथ जोड़कर कटोरी को पल्ले से ढककर चार बार कटोरी के उपर हाथ फेर लें। फिर स्वयं के तिलक निकालें। यह बायना सांस को पांव छुकर देवें। बछबारस के दिन बेटे की मां ठंडी रोटी खाती है। इस दिन भैंस का दूध, बेसन, मोंठ आदि खा सकते हैं। इस दिन गाय का दूध, दही, गेहूं और चावल नहीं खाया जाता है।

जिस साल लड़का हो या जिस साल लड़के की शादी हो उस साल बछबारस का उद्यापन किया जाता है। सारी पूजा हर वर्ष की तरह करे। सिर्फ थाली में सवा सेर भीगे मोठ बाजरा की तरह कुद्दी करें। दो-दो मुट्ठी मोई का (बाजरे की आटे में घी, चीनी मिलाकर पानी में गूँथ लें) और दो-दो टुकड़े खीरे के तेरह कुड़ी पर रखें। इसके उपर एक तीयल (दो साड़ियां और ब्लाउज पीस ) और रुपया रखकर हाथ फेरकर सास को छूकर दें। इस तरह बछबारस का उद्यापन पूरा होता है। सवाल ये उठता रहा है कि उद्यापन क्या होता है। किसी भी त्यौहार के लगातार व्रत रखने वाली महिलाएं उद्यापन करती हैं। कहा जाता है कि विवाहिताओं को उद्यापन करना जरूरी होता है। उद्यापन में कई 5,7 या 11 सुहागनों को पूजा में शामिल कर उन्हें भोजन कराया जाता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.