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Ashadha Gupt Navratri 2020: आज नवरात्रि का दूसरा दिन, जानें- मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-विधि, मंत्र, मुहूर्त एवं महत्व

Ashadha Gupt Navratri 2020 मां ब्रह्मचारिणी के मुखमंडल पर कांतिमय आभा झलकती है जो मां की ममता का अलौकिक स्वरूप है। मां अपने दाहिने हाथ में माला और बाएं हाथ में कमंडल धारण की हैं।

By Umanath SinghEdited By: Published: Tue, 23 Jun 2020 06:00 AM (IST)Updated: Tue, 23 Jun 2020 06:00 AM (IST)
Ashadha Gupt Navratri 2020: आज नवरात्रि का दूसरा दिन, जानें- मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-विधि, मंत्र, मुहूर्त एवं महत्व
Ashadha Gupt Navratri 2020: आज नवरात्रि का दूसरा दिन, जानें- मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-विधि, मंत्र, मुहूर्त एवं महत्व

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Ashadha Gupt Navratri 2020: गुप्त नवरात्रि का आज दूसरा दिन है। आज के दिन मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-उपासना की जाती है। ऐसी मान्यता है कि जो भी व्यक्ति मां ब्रह्मचारिणी की पूजा श्रद्धा रूपेण करते हैं, उसे मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है। ब्रह्मचारणी- दो शब्द ब्रह्म अर्थात तप और चारणी अर्थात आचरण से मिलकर बना है। इसका भावार्थ है कि मां ब्रह्मचारणी तप करने वाली देवी है। गुप्त नवरात्रि में साधक कठिन पूजा, जप और तप कर उन्हें प्रसन्न करते हैं, जिससे उन्हें मनचाहे वर की प्राप्ति होती है। आइए, मां का स्वरूप, पूजा का शुभ मुहूर्त, तिथि और पूजा विधि जानते हैं-

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 मां ब्रह्मचारणी की पूजा का शुभ मुहूर्त

आषाढ़ माह में द्वितीया तिथि आज दिन में 11 बजकर 59 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 23 जून को दिन में 11 बजकर 19 मिनट तक है। अतः साधक दिनभर पूजा उपासना कर सकते हैं।

मां ब्रह्मचारिणी का स्वरूप

मां ब्रह्मचारिणी के मुखमंडल पर कांतिमय आभा झलकती है, जो मां की ममता का अलौकिक स्वरूप है। मां अपने दाहिने हाथ में माला और बाएं हाथ में कमंडल धारण की हैं। इन्हें विद्या की देवी और वैरागी कहा जाता है। अतः विद्यार्थियों और साधकों को मां ब्रह्मचारिणी की पूजा जरूर करनी चाहिए।

मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि

इस दिन ब्रह्म बेला में उठकर स्नान-ध्यान करना चाहिए। तत्पश्चात, आमचन कर व्रत संकल्प लें। इसके बाद मां की स्तुति निम्न मन्त्र से करें।

या देवी सर्वभूतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः॥

इसके बाद मां ब्रह्मचारिणी की पूजा फल, फूल, धूप-दीप, अक्षत, कुमकुम आदि से करें। मां को लाल रंग का पुष्प जरूर अर्पित करें। इससे मां यथाशीघ्र प्रसन्न होती हैं। अंत में आरती-प्रार्थना करें। अपनी क्षमता अनुसार व्रत करें। शाम में आरती-प्रार्थना के बाद फलाहार करें। 


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