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अदभुत है ये अचूक उपाय कैसी भी परेशानी जरूर दूर होगी

रोज़ हनुमान जी का पूजन करें व हनुमान चालीसा का पाठ करें। प्रत्येक शनिवार को शनि को तेल चढ़ाएं। अपनी पहनी हुई एक जोड़ी चप्पल किसी गरीब को एक बार दान करें।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 04 Feb 2017 12:40 PM (IST)Updated: Mon, 06 Feb 2017 09:47 AM (IST)
अदभुत है ये अचूक उपाय कैसी भी परेशानी जरूर दूर होगी
अदभुत है ये अचूक उपाय कैसी भी परेशानी जरूर दूर होगी

हम सबकी जिंदगी में कई ऐसी परेशानियां होती हैं जिनका कोई समाधान नहीं सूझता। इन उलझनों को दूर करने का जब और कोई माध्यम व्यक्ति को नहीं सूझता तथा सभी उपाय व्यर्थ हो जाते हैं तब व्यक्ति तंत्र- मंत्र, पूजा-पाठ की तरफ झुकता है। पूजा-पाठ और ईश्वर को याद करने के अलावा भी हिन्दू तन्त्र-शास्त्र और मुस्लिम टोने-टोटकों में अनेक ऐसे उपाय हैं जिनका प्रयोग करके भाग्य के आगे पड़े पर्दे को न केवल हटाया जा सकता है बल्कि सौभाग्य को बढ़ाया भी जा सकता है। जब बुरे दिन चल रहे हों तब टोने-टोटकों, गंडे-तावीजों और यन्त्र-मन्त्रों का प्रयोग अवश्य कीजिए, ईश्वरीय अनुकम्पा से आपके बुरे दिन भी अच्छे दिनों में बदल जाएंगे।

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शत्रु शमन के लिए

साबुत उड़द की काली दाल के अभिमंत्रित 38 और चावल के 40 अभिमंत्रित दाने मिलाकर किसी गड्ढे में दबा दें और ऊपर से नींबू निचोड़ दें। नींबू निचोड़ते समय शत्रु का नाम लेते रहें, उसका शमन होगा और वह आपके विरुद्ध कोई कदम नहीं उठाएगा।

वैवाहिक सुख के लिए :

कन्या का विवाह हो जाने के बाद उसके घर से विदा होते समय एक लोटे में गंगाजल, थोड़ी सी हल्दी और एक पीला सिक्का डालकर उसके आगे फेंक दें, उसका वैवाहिक जीवन सुखी रहेगा।

घर की कलह को समाप्त करने का उपाय

रोजाना सुबह जागकर अपने स्वर को देखना चाहिए, नाक के बाएं स्वर से जागने पर फ़ौरन बिस्तर छोड कर अपने काम में लग जाना चाहिए, अगर नाक से दाहिना स्वर चल रहा है तो दाहिनी तरफ़ बगल के नीचे तकिया लगाकर दुबारा से सो जाना चाहिए, कुछ समय में बायां स्वर चलने लगेगा, सही तरीके से चलने पर बिस्तर छोड़ देना चाहिए।

रोग से छुटकारा पाने के लिए

यदि बीमारी का पता नहीं चल पा रहा हो और व्यक्ति स्वस्थ भी नहीं हो पा रहा हो, तो सात प्रकार के अनाज एक-एक मुट्ठी लेकर पानी में उबाल कर छान लें। छने व उबले अनाज (बाकले) में एक तोला सिंदूर की पुड़िया और 50 ग्राम तिल का तेल डाल कर कीकर (देसी बबूल) की जड़ में डालें या किसी भी रविवार को दोपहर 12 बजे भैरव स्थल पर चढ़ा दें।

रोग से छुटकारा पाने के लिए

बदन दर्द हो, तो मंगलवार को हनुमान जी के चरणों में सिक्का चढ़ाकर उसमें लगी सिंदूर का तिलक करें। पानी पीते समय यदि गिलास में पानी बच जाए, तो उसे अनादर के साथ फेंकें नहीं, गिलास में ही रहने दें। फेंकने से मानसिक अशांति होगी क्योंकि पानी चंद्रमा का कारक है।

धन लाभ के लिए

शनिवार की शाम को माह (उड़द) की दाल के दाने पर थोड़ी सी दही और सिंदूर डालकर पीपल के नीचे रख आएं। वापस आते समय पीछे मुड़कर नहीं देखें। यह क्रिया शनिवार को ही शुरू करें और 7 शनिवार को नियमित रूप से किया करें, धन की प्राप्ति होने लगेगी।

व्यापार वृद्धि हेतु

व्यापार स्थल पर किसी भी प्रकार की समस्या हो, तो वहां श्वेतार्क गणपति तथा एकाक्षी श्रीफल की स्थापना करें। फिर नियमित रूप से धूप, दीप आदि से पूजा करें तथा सप्ताह में एक बार मिठाई का भोग लगाकर प्रसाद यथासंभव अधिक से अधिक लोगों को बांटें। भोग नित्य प्रति भी लगा सकते हैं।

मानसिक परेशानी दूर करने के लिए

रोज़ हनुमान जी का पूजन करें व हनुमान चालीसा का पाठ करें। प्रत्येक शनिवार को शनि को तेल चढ़ाएं। अपनी पहनी हुई एक जोड़ी चप्पल किसी गरीब को एक बार दान करें।


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